
New Delhi, 22 जुलाई . President द्रौपदी मुर्मू ने Tuesday को उपPresident पद से जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार किया.
यह चिट्ठी गृह मंत्रालय (एमएचए) को भेज दी गई है. जल्द ही इस पर आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.
यह घोषणा राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान हुई, जब BJP MP घनश्याम तिवारी, जो उस समय सभापति की कुर्सी पर थे, ने बताया कि उपPresident धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने बताया है कि India के उपPresident जगदीप धनखड़ ने संविधान के अनुच्छेद 67ए के तहत तुरंत प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
इससे पहले, Prime Minister Narendra Modi ने धनखड़ को शुभकामनाएं दीं. Prime Minister मोदी ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जगदीप धनखड़ जी को India के उपPresident सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है. मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं.”
Prime Minister मोदी का यह पोस्ट ऐसे समय आया है जब विपक्ष धनखड़ के अचानक इस्तीफे को लेकर सवाल उठा रहा है.
India के 14वें उपPresident जगदीप धनखड़ ने Monday को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए उपPresident पद से इस्तीफा दे दिया. President द्रौपदी मुर्मू को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.
16 जुलाई 2022 को भाजपा ने एनडीए की ओर से धनखड़ को उपPresident पद का उम्मीदवार घोषित किया था. 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 528 में से 710 वोट पाकर बड़े अंतर से हराया था. यह 1992 के बाद सबसे बड़ा जीत का अंतर था.
उपPresident रहते हुए धनखड़ राज्यसभा के सभापति भी थे. उन्होंने कई अहम विधायी सत्रों का संचालन किया और नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के लिए जाने गए. उनके इस सख्त लेकिन निष्पक्ष रवैये के कारण उन्हें सभी दलों में सम्मान और विरोध दोनों मिला.
धनखड़ एक अनुभवी राजनेता और संविधान विशेषज्ञ माने जाते हैं. पिछले एक साल में उनकी तबीयत कई बार खराब हुई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था, हाल ही में नैनीताल में भी उनका इलाज हुआ था. उनकी बीमारी का सही कारण सार्वजनिक नहीं किया गया है.
उनके इस्तीफे के बाद अब देश में नए उपPresident के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, क्योंकि उपPresident राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और यह पद ज्यादा समय तक खाली नहीं रह सकता.
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पीएसके
