चेन्नई, 2 अक्टूबर . करूर भगदड़ में हुई भगदड़ में 41 लोगों की जान जाने के बाद केंद्र Government तमिल स्टार से राजनेता बने विजय की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार कर रही है.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि विजय को सौंपे गए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और अन्य केंद्रीय Police कर्मियों की संख्या दोगुनी करने पर चर्चा चल रही है. यह कदम तमिलनाडु में बढ़ते Political तनाव के बीच उठाया गया है.
हाल के घटनाक्रमों के बाद द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) और उसके सहयोगियों के लंबे समय से प्रभुत्व वाले राज्य में विजय एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरे हैं. भाजपा के रणनीतिकारों के अनुसार, डीएमके के मजबूत गठबंधन को हराने के लिए एक मजबूत और व्यापक आधार वाले विपक्षी मोर्चे की आवश्यकता है.
पार्टी का मानना है कि Lok Sabha चुनाव से पहले एआईडीएमके को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में वापस लाने के पीछे यही तर्क था.
गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु में एनडीए की संभावनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए एआईडीएमके नेतृत्व के साथ सामंजस्य बिठाने में अहम भूमिका निभाई.
हालांकि, हालिया सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि डीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन अभी भी अच्छी बढ़त बनाए हुए है और एआईडीएमके-भाजपा की साझेदारी से अकेले संतुलन बदलने की संभावना नहीं है.
नतीजतन, वरिष्ठ भाजपा नेता तमिलनाडु वेत्री कझगम (टीवीके) के प्रमुख विजय को एनडीए में शामिल करने के तरीके तलाश रहे हैं, क्योंकि वे टीवीके की व्यापक लोकप्रियता और डीएमके-विरोधी रुख को संभावित रूप से निर्णायक कारक मान रहे हैं, लेकिन यह संपर्क प्रक्रिया जटिल रही है.
डीएमके की आलोचना करने के अलावा विजय ने सार्वजनिक रूप से एआईडीएमके और भाजपा दोनों पर निशाना साधा है, जिससे अमित शाह और एआईडीएमके प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी दुविधा में पड़ गए हैं कि आगे क्या किया जाए.
करूर की भगदड़ ने अब Political समीकरण बदल दिए हैं. सबसे पहले टीवीके समर्थकों ने भगदड़ को लेकर डीएमके पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद एआईएडीएमके और भाजपा ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग कर दी. राजनीटिक दलों का कहना है कि न्याय के लिए एक स्वतंत्र जांच आवश्यक है.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह द्रमुक विरोधी भावना को मजबूत करने और विजय के साथ बातचीत के रास्ते खुले रखने की एक व्यापक रणनीति का भी हिस्सा है.
अमित शाह ने हाल ही में विजय से संपर्क किया, जिसे आधिकारिक तौर पर सहानुभूति का एक कदम बताया गया, लेकिन व्यापक रूप से इसे एक Political संकेत के रूप में देखा गया.
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह बातचीत तमिलनाडु के उभरते Political परिदृश्य में घनिष्ठ समन्वय और संभवतः गठबंधन वार्ता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है.
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वीकेयू/वीसी