पुरी में बहुदा यात्रा की तैयारियां पूरी, एनडीआरएफ ने संभाली सुरक्षा की कमान

पुरी, 5 जुलाई . भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा का समापन चरण बहुदा यात्रा शनिवार पांच जुलाई को होने जा रही है. इससे पहले राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं.

एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट प्रवीण चौहान ने बताया कि उनकी टीमें भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की श्री मंदिर में वापसी यात्रा के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

चौहान ने कहा, “हमारी प्राथमिकता अगले दो दिनों तक बहुदा यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखना है. भीड़ में भक्तों के गिरने, स्वास्थ्य समस्याओं या अन्य आपात स्थितियों की संभावना को देखते हुए हमारी टीमें सतर्क और तत्पर हैं. एनडीआरएफ की टीमें तमाम जगहों पर तैनात की गई हैं, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां भीड़ अधिक होने या पहले कोई घटना होने की आशंका रहती है. ये टीमें प्राथमिक उपचार और त्वरित बचाव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “हम जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उनके निर्देशों के अनुसार हमने अपनी तैनाती और आवाजाही की रणनीति तैयार की है. पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए हमने अपनी योजना में सुधार किया है ताकि सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर हमारी मौजूदगी सुनिश्चित हो.”

प्रवीण चौहान ने आगे कहा कि उनकी टीमें किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित और तैयार हैं. श्रद्धालुओं से अपील करते हुए चौहान ने कहा, “हम सभी भक्तों से अनुरोध करते हैं कि वे शांत और धैर्यवान रहें. दर्शन के दौरान जल्दबाजी न करें. मंदिर प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और अनुशासन बनाए रखें. सभी को भगवान जगन्नाथ के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा.”

उन्होंने भक्तों से अधिकारियों के साथ सहयोग करने और सुरक्षित रहने का भी आग्रह किया. प्रवीण चौहान ने बताया कि एनडीआरएफ स्थानीय प्रशासन के साथ निरंतर समन्वय में है. मंदिर के समय या कार्यक्रम में किसी भी बदलाव को सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि व्यवस्था बनी रहे और यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो.

उन्होंने कहा, “पुरी की बहुदा यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं और हमारा लक्ष्य है कि यह पवित्र आयोजन पूरी तरह सुरक्षित और शांतिपूर्ण हो.”

एकेएस/डीएससी