महाराष्ट्र: स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी, मतदाता सूचियों पर विपक्ष के सवाल, आयोग ने दी सफाई

Mumbai , 18 अक्टूबर . Maharashtra में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच, विपक्षी दलों के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने 14 अक्टूबर 2025 को Maharashtra के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर मतदाता सूचियों और अन्य मुद्दों पर चर्चा की.

विपक्ष ने मतदाता सूचियों में कथित अनियमितताओं को लेकर सवाल उठाए थे. पिछले दो दिनों में समाचार पत्रों और social media पर इस मुद्दे को लेकर भ्रम फैलने के बाद, राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थिति स्पष्ट की है ताकि मतदाताओं में किसी तरह की गलतफहमी न रहे.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत, India निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को संसद, राज्य विधानसभाओं, President और उपPresident के चुनावों के लिए मतदाता सूचियां तैयार करने और उनके संचालन का जिम्मा सौंपा गया है. इसके लिए प्रत्येक राज्य में एक मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है. वहीं, अनुच्छेद 243-के और 243-जेड-ए के अनुसार, स्थानीय निकाय चुनावों की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) की है.

यह दोनों निकाय संवैधानिक रूप से अलग-अलग हैं. स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूचियां तैयार करने का दायित्व एसईसी का है, लेकिन वह ईसीआई द्वारा तैयार विधानसभा निर्वाचक नुक्कड़ क्षेत्र सूचियों को वार्ड-वार विभाजित और सत्यापित कर उपयोग करता है.

राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए 1 जुलाई 2025 तक की अद्यतन विधानसभा मतदाता सूचियां ईसीआई से प्राप्त कर ली गई हैं. इन्हें वार्ड-वार प्रकाशित किया गया है. मतदाता सूचियों का अंतिम चयन एसईसी के अधिकार क्षेत्र में है. विपक्ष ने सूचियों में गड़बड़ी और पुराने डेटा के उपयोग का आरोप लगाया था, जिसे आयोग ने खारिज किया.

आयोग ने बताया कि वर्ष 2002 में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ था, और तब से प्रतिवर्ष विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण होता है. प्रारूप सूचियां प्रकाशित कर दावे और आपत्तियां मांगी जाती हैं, जिनके निपटारे के बाद अंतिम सूचियां जारी की जाती हैं. ये सूचियां मान्यता प्राप्त Political दलों को मुफ्त और अन्य को व्यावसायिक आधार पर दी जाती हैं.

एससीएच