नई दिल्ली, 4 सितंबर . देश की राजधानी दिल्ली में यातायात की स्थिति सुधारने, नागरिकों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधा प्रदान करने और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने प्रीमियम बस सेवा की शुरुआत की है.
इस योजना के तहत, उबर ने अपनी सेवा शुरू कर दी है, जिसमें आधुनिक और आरामदायक बसें चलाई जाएंगी. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को राजघाट डिपो पहुंचकर बसों का निरीक्षण किया, जो कि इस योजना की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण कदम है. यह योजना न केवल यातायात की समस्या को कम करने में मदद करेगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करने में योगदान देगी.
इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि प्रीमियम बस पॉलिसी शुरू करने के लिए दो कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है. यह पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि ये इलेक्ट्रिक बसें हैं, इनके संचालन से प्रदूषण में कमी आएगी. लाइसेंस देने के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं, जिनमें बसें एयर कंडीशनर, कंफर्टेबल, मॉडर्न और ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए. न्यूनतम 25 बसें जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर चलने लगेंगी.
उन्होंने दिल्ली के निवासियों से अपील की है कि वह अपने निजी वाहनों को छोड़कर इन आरामदायक बसों में सफर करें, जिससे उन्हें भी आराम मिले और ट्रैफिक कंजेशन कम हो.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने प्रीमियम बसों के संचालन करने के लिए उबर और आवेग कंपनी को लाइसेंस दिया है. कई अन्य कंपनियों ने भी लाइसेंस लेने के लिए आवेदन दिया है. सरकार की इस योजना के तहत अगर कोई कंपनी लाइसेंस लेती है तो उसे लाइसेंस लेने के 90 दिन के भीतर सेवा शुरू करनी होगी. ऐसे में उबर कंपनी की ओर से सेवा शुरू कर दी गई और आवेग किसी भी वक्त अपनी सेवा शुरू कर सकती है.
इस योजना में एक जनवरी 2025 के बाद से शामिल होने वाली सभी बसें केवल इलेक्ट्रिक होंगी. इस प्रीमियम बस सेवा में यात्रियों को कई सुविधाएं मिलेंगी, जिसमें एयर कंडीशनर, सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस, वाई-फाई और अनाउंसमेंट सिस्टम शामिल हैं.
टिकट बुकिंग और किराया भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जा सकेगा. सीटें फुल होते ही बुकिंग अपने आप बंद हो जाएगी. बसें उन्हीं स्थानों पर रुकेंगी जहां से यात्री ने बुकिंग की है. बस का किराया डायनेमिक होगा, यानी जैसे-जैसे सीटें भरती जाएंगी, किराया भी थोड़ा बढ़ता जाएगा. यात्रियों को पिक करने के बाद बसें उन्हें उनके गंतव्य स्थान पर ही छोड़ेंगी.
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पीएसके/एफजेड