प्रवासी भारतीय दिवस : सुदर्शन पटनायक की ‘जय जगन्नाथ’ कलाकृति को देख लोग हैरान

भुवनेश्वर, 8 जनवरी . रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भगवान जगन्नाथ की प्रार्थना करती अद्वितीय ‘जय जगन्नाथ’ कलाकृति बनाई है. भुवनेश्वर के जनता मैदान में ये प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर लोक कलाकारों के शिल्प को प्रदर्शित किया गया है.

पटनायक का कहना है कि यह बड़ा अवसर प्रधानमंत्री मोदी की वजह से मिला है, क्योंकि मोदी हमेशा अपने भाषण की शुरुआत ‘जय जगन्नाथ’ से करते हैं. रेत कला के माध्यम से उन्होंने इस आस्था को व्यक्त करने की कोशिश की है.

पटनायक ने से बातचीत में कहा कि यह हम सभी ओडिशा के लोगों के लिए सौभाग्य की बात है कि यहां पर प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया जा रहा है. यह जगह जय जगन्नाथ जी का पवित्र धाम है. इसी को देखते हुए हमने जय जगन्नाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्ति बनाई है और मैं एक बात कहना चाहूंगा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा आ रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया में आयोजित होने वाले किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा लेता हूं, तो मुझे हर जगह प्रवासी भारतीय दिखते हैं . यह सभी लोगों के लिए खुशी की बात है कि आज वो हमारे बीच आ रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई कार्यक्रमों में ओडिशा की संस्कृति का जिक्र कर चुके हैं. यहां पर ओडिशा की कला और संस्कृति का पूरा कुंभ बना हुआ है. मैं अपने सभी ओडिशा के भाइयों-बहनों से कहना चाहूंगा कि आप लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र नोदी का इस कदर स्वागत सत्कार करें कि वो हमेशा हमें याद रखें. हमें कभी भूल ना पाए, क्योंकि प्रधानमंत्री कई मौकों पर ओडिशा की संस्कृति की तारीफ कर चुके हैं.

वहीं, सुरेंद्र अहलावत ने से बातचीत में कहा कि भारत में पिछले 10 वर्षों में बहुत बदलाव आया है, खासकर बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के मामले में. प्रधानमंत्री मोदी का संदेश साफ है: “विकसित भारत” का सपना अब हकीकत बन रहा है. भारत में राजमार्गों, हवाई अड्डों, और कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है, और इससे पूरे देश को एकजुट किया गया है, जैसे जीएसटी ने किया. अब पूरे देश में व्यापार करना आसान हो गया है. यह बदलाव आने वाले वर्षों में और बढ़ेगा, और कम से कम अगले एक दशक तक हमें इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि आपने जो बदलाव महसूस किया है, वह यह है कि सरकार ने अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए कदम उठाए हैं. हालांकि यह बदलाव धीरे-धीरे हो रहा है, लेकिन आने वाली पीढ़ी को यह असर साफ नजर आएगा. आज जो परिवर्तन हो रहे हैं, उनका प्रभाव आने वाले 10-15 वर्षों में पूरी तरह से महसूस होगा, जब अब के छोटे बच्चे बड़े होंगे और यह बदलाव उनके जीवन का हिस्सा बन जाएगा.

सुरेंद्र शेखर ने से बातचीत में बताया कि भारत का विकास हर साल पिछले साल से बेहतर हो रहा है, और यह विकास हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है. चाहे वह राजनीति, आईटी, बैंकिंग, डिजिटल तकनीक या अन्य कोई क्षेत्र हो, हर जगह बदलाव देखने को मिल रहे हैं. हमें अपने प्रधानमंत्री और मंत्रियों पर गर्व है क्योंकि उनके नेतृत्व में देश इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत में एक भारतीय रियल एस्टेट व्यवसायी के तौर पर भी हमें बहुत गर्व है. हम चाहते हैं कि शहर के हर नागरिक को – चाहे वह अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक, आदिवासी हो या किसी भी धर्म या जाति से संबंधित हो – समान अवसर मिले. अंत में, हम सभी एक टीम हैं और भारत के नागरिक हैं. धर्म, जाति या समुदाय का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.

एक प्रवासी महिला ने कहा कि हमें आज यहां उड़ीसा में अठारहवें प्रवासी भारतीय दिवस पर उपस्थित होकर बहुत गर्व और सम्मान महसूस हो रहा है. यह एक गर्व की बात है कि भारत अब इतनी तरक्की कर चुका है. हम एक छोटा सा देश हैं और हमारे यहां से बहुत कम लोग भारत आए थे, लेकिन हम हमेशा भारत से खुद को जोड़ते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हमारा हमेशा यही विश्वास है कि अगर भारत प्रगति कर रहा है, तो हम भी प्रगति कर रहे हैं. जैसे हम देखते हैं कि भारत में सभी लोग मिलकर आगे बढ़ रहे हैं, बिना किसी भेदभाव के, और इसने पिछले 10-15 सालों में बहुत तरक्की की है. भारत में अब हर कोई साथ मिलकर आगे बढ़ रहा है, और यह सिर्फ एक धर्म या जाति तक सीमित नहीं है. सबका साथ और सबका विकास का संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है, जो बिल्कुल सही है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत आज डिजिटल भारत बन चुका है. मुंबई में आप किसी ऑटोवाले से पूछिए, वो भी गूगल पर देख के जवाब देंगे. यह दिखाता है कि अब छोटे से छोटे लोग भी डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं और यह भारत की प्रगति का प्रतीक है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ जनवरी को सुबह दस बजे भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का भी उद्घाटन करेंगे.

एसएचके/केआर