भुवनेश्वर : विपक्ष के उपनेता प्रसन्न आचार्य ने भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री देबेन्द्र प्रधान के निधन पर शोक व्यक्त किया

भुवनेश्वर, 17 मार्च . ओडिशा में विपक्ष के उपनेता प्रसन्न आचार्य ने भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री देबेन्द्र प्रधान के निधन पर गहरी शोक व्यक्त की है और उनके ओडिशा के राजनीतिक परिदृश्य में किए गए योगदानों को याद किया.

प्रसन्न आचार्य ने देबेन्द्र प्रधान की भूमिका को ओडिशा की गठबंधन राजनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण बताया. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 1998 में बीजू बाबू के निधन के बाद बीजद और भाजपा के बीच गठबंधन हुआ था, जिसमें दिवंगत देबेन्द्र प्रधान का महत्वपूर्ण योगदान था. ओडिशा राज्य में उनकी भूमिका और गठबंधन राजनीति को सफल बनाने में उनके प्रयास हमेशा याद किए जाएंगे.

आचार्य ने आगे कहा कि उनका निधन केवल राजनीतिक नुकसान नहीं है, बल्कि यह ओडिशा के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के लिए भी एक बड़ा आघात है. उनकी अनुपस्थिति ओडिशा की राजनीति और समाज के लिए गहरी क्षति होगी. मैं दिवंगत आत्मा को अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता डॉ. देबेन्द्र प्रधान का सोमवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. उन्होंने 84 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली. वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रहे थे. प्रधान के निधन से ओडिशा के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है. उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता देबेन्द्र प्रधान के निधन से दुःखी हूं. मैं उन्हें कई वर्षों से जानती हूं, इसलिए मुझे सार्वजनिक सेवा के प्रति उनके समर्पण और लोगों की सेवा में उनकी लंबी अवधि के दौरान ओडिशा और राष्ट्र के विकास में उनके योगदान को देखने का अवसर मिला. उनके पुत्र एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, अन्य परिवार के सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. देबेन्द्र प्रधान के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि सांसद और मंत्री के रूप में डॉ. देबेन्द्र प्रधान जी का योगदान गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सशक्तिकरण पर जोर देने के लिए उल्लेखनीय है.

पीएसके/जीकेटी