नई दिल्ली, 24 मार्च . स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा का महाराष्ट्र की राजनीति पर तंज और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को निशाने पर ले किए गए कमेंट ने सियासी पारे को बढ़ा दिया है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है. इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने ‘द यूनिकॉन्टिनेंटल ऑफिस’ में हुई तोड़फोड़ को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने से बात करते हुए कहा, “गीत और शब्दों में कटाक्ष और व्यंग्य सबसे मजबूत पहलू होता है और इसे सुना भी जाता है. शो में कोई नाम नहीं लिया गया, लेकिन अगर कोई नाम लिया जाता है और उसके बाद कुछ गलत होता है, तो अदालत के दरवाजे खुले होने चाहिए. वो अभी उपमुख्यमंत्री हैं और पूर्व में मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, उन्हें केस दर्ज करना चाहिए. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वे गुंडागर्दी करवाएंगे. क्या किसी के स्टूडियो में जबरन घुसकर तोड़फोड़ करवाएंगे. संविधान के द्वारा जो स्वतंत्रता मिली है, उसकी गुंडागर्दी करके हत्या करने की कोशिश की जा रही है. मुझे लगता है कि ये शिंदे और देवेंद्र के बीच छिड़ी हुई जंग का नतीजा है.”
दिल्ली वक्फ (संशोधन) विधेयक के विरोध पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “कांग्रेस पार्टी का मानना है कि हर धर्म को धार्मिक स्वतंत्रता मिलनी चाहिए और हमें उस दिशा में प्रयास करने चाहिए. आज यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है, कल यह सिख, जैन या हिंदू के खिलाफ हो सकता है. हमने विपक्ष के साथ मिलकर जेपीसी में सरकार के कदम को रोकने की कोशिश की, और जब यह संसद में आएगा तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे.”
संभल हिंसा पर मस्जिद के सदर को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने पर प्रमोद तिवारी ने कहा, “किस आधार पर कार्रवाई की गई है, इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है. मैं इतना ही कहूंगा कि वहां (संभल) भय, आतंक फैलाकर प्रशासन लोगों की आवाज उठने नहीं दे रहा है. वहां लोग मारे गए, लेकिन प्रशासन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. सिर्फ आवाज खामोश करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.”
अखिलेश यादव की नसीहत कि ‘भाजपा इतिहास के पन्नों को न पलटे’ पर भी तिवारी ने राय रखी. कहा, “इतिहास के पन्नों में कई नायक हैं और कई खलनायक भी हैं, इसलिए उसे पलटने की कोशिश न करें और सरकार को अपनी उपलब्धि बतानी चाहिए. महाराष्ट्र सरकार अपनी असफलता को छुपाने के लिए ये सब कर रही है, क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे, उसे पूरा नहीं किया गया. मैं मानता हूं कि अखिलेश यादव ने बिल्कुल सही कहा है.”
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एफएम/केआर