बेंगलुरू, 8 अप्रैल . केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया द्वारा राज्य के किसानों को 2 हजार रुपए मुआवजे के रूप में दिए जाने पर सवाल उठाया.
हुबली में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “कर्नाटक सरकार ने भारी कर्ज लिया हुआ है, जिसकी वजह से यह राज्य दरिद्र हो चुका है. सिद्दारमैया जी, क्या आपको शर्म नहीं आ रही है कि आप किसानों को महज 2 हजार रुपए मुआवजे के रूप में दे रहे हैं?”
प्रल्हाद जोशी ने सीएम सिद्दारमैया से पूछा, “इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के समय में 27 हजार, 20 हजार और 14 हजार रुपए किसानों को मुआवजे के तौर पर मुहैया कराए जाते थे, लेकिन आज आप आखिर क्यों नहीं किसानों को राहत के रूप में उचित रकम मुहैया करा रहे हैं?”
जोशी ने आगे सवाल किया, “आपने (मुख्यमंत्री सिद्दारमैया) केंद्र सरकार द्वारा फंड का विसंगति रूप से आवंटन किए जाने के विरोध में कोर्ट का रुख किया. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फायदा देश के हर किसान को मिल रहा है. तब आप आखिर क्यों किसानों को महज 2 हजार रुपए आवंटित कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार आय सृजित करने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है. स्टांप ड्यूटी और संपत्ति पर लगाए गए करों को बढ़ाया जा चुका है, ताकि राज्य सरकार के राजस्व में इजाफा दर्ज हो. राज्य में भ्रष्टाचार भी काफी बढ़ा है, जो गारंटियां पूरी तरह लागू नहीं होतीं, उन पर भी खर्च दिखाया जाता है.”
उन्होंने आगे कहा, “अब राज्य सरकार के पास पैसे नहीं रह गए हैं, तो वो प्रधानमंत्री पर उंगली उठा रहे हैं.”
कांग्रेस सरकार ने 628 करोड़ रुपए जारी किए थे. इसके तहत अंतरिम राहत के तौर पर 33 लाख किसानों को 2 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान हुआ. राज्य सरकार ने सूखे की वजह से 35,162.05 करोड़ के फसल के नुकसान का अनुमान जताया था और केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत 18,171 करोड़ की रकम राहत के रूप में मांगी थी.
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