पुणे, 25 जून . भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी लागू करना लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास था. उन्होंने आगे कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की तत्कालीन सरकार द्वारा देश में आपातकाल सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के लिए लागू किया गया था.
भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, “आपातकाल लागू करना मूल रूप से कांग्रेस द्वारा लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास था, वह केवल अपनी सत्ता बचाना चाहते थे. देश के सामने कोई वास्तविक संकट नहीं था, संकट केवल कांग्रेस के शासन का था.”
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें (इंदिरा गांधी को) चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था, यह आपातकाल लगाने का एक बड़ा कारण था. इसके अलावा, कांग्रेस गुजरात में चुनाव हार चुकी थी और देशभर में एक विशाल जनआंदोलन चल रहा था. सत्ता हाथ से जाने के डर से इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा कर दी. यह फैसला देश को बचाने के लिए नहीं सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ और अपनी कुर्सी बचाने के लिए लिया गया था.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, कांग्रेस की वही मानसिकता आज भी कायम है. 150 साल के आजादी के संघर्ष के बाद भीमराव आंबेडकर ने संविधान लिखकर हमारे देश को एक स्वरूप दिया. उस संविधान को कांग्रेस ने तोड़ने-मरोड़ने का काम किया है. आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों ने दोबारा से संविधान को स्थापित किया, जिसमें आरएसएस की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी. आपातकाल के दौरान देश की जनता पर अत्याचार किया गया, सरकार से कोई सवाल नहीं कर सकता था. इसलिए 25 जून को हम संविधान हत्या दिवस मनाते हैं.
वहीं, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, “यह इंदिरा गांधी ही थीं, जिन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाईं, क्योंकि संविधान में आपातकाल का कोई प्रावधान नहीं था. अपना संविधान लोकतंत्र पर आधारित है और आपातकाल तानाशाही है. भारत का संविधान सभी जाति धर्म के लोगों को न्याय देने वाला है. इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं को साल भर के लिए जेल में डाल दिया था. इसीलिए पीएम मोदी ने 25 जून को ‘काला दिवस’ कहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज लोकतंत्र मजबूत हो रहा है.”
–
एएसएच/जीकेटी