मुंबई, 16 जून . भारत-पाक सीजफायर के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार से जवाब मांग रही है. अब वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर भी मुख्य विपक्षी दल के साथ सुर से सुर मिला रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार बताए कि आखिर क्यों सीजफायर की घोषणा करनी पड़ी. अगर सीजफायर की घोषणा नहीं होती तो 1971 वाली स्थिति दुहराई जाती.
वंचित बहुजन आघाडी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने मुंबई में सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान भारत-पाक सीजफायर पर विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार पर उठाए जा रहे सवालों पर कहा कि भारत-पाक तनाव के बीच, वायुसेना ने तीन दिन के अंदर ही पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. असली सवाल यह है कि पाकिस्तान के पास न तो हथियार थे और न ही सात दिन से ज्यादा लड़ने की क्षमता. भारत हर तरह से पाकिस्तान पर हावी था. हमारे पास मौका था कि हम 1971 को दोहराते. लेकिन, सीजफायर की घोषणा करने से यह इतिहास दुहराया नहीं जा सका.
प्रकाश अंबेडकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि 25 साल से भारत पर आतंकवादी हमले होते रहे हैं और आतंकवादियों के कनेक्शन सीधे तौर पर पाकिस्तान की सेना से हैं. भारत के पास पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुनहरा मौका था जब सिर्फ आतंकवादी ही नहीं बल्कि, पाकिस्तान का अस्तित्व मिटा देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी के साथ पूरी सरकार को जवाब देना चाहिए कि सीजफायर क्यों किया गया.
उन्होंने कहा कि जब देश पर आतंकी हमले होते हैं तो अमेरिका हमें बचाने के लिए नहीं आता है. हमारे वीर सैनिक ही हमें बचाते हैं. इसीलिए, मैं बार-बार कह रहा हूं कि हमने मौका गंवाया.
कांग्रेस नेता नाना पटोले की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को वीडियो गेम बताए जाने पर उन्होंने कहा कि वह बाद में विरोध दर्ज कराते हैं, हम लोग तो पहले दिन से विरोध दर्ज करा रहे हैं.
राहुल गांधी के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मैच फिक्सिंग वाले आरोप पर उन्होंने कहा कि सिर्फ बयान देने से काम नहीं चलता है. अगर लड़ना है तो कोर्ट में लड़ना होगा.
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डीकेएम/एकेजे