जब तक झगड़ा मिटता नहीं, तब तक दोस्ती होती नहीं, ट्रंप के पोस्ट पर प्रकाश आंबेडकर

लातूर, 10 सितंबर . वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा Prime Minister मोदी की तारीफ वाले social media पोस्ट पर कहा कि एक बार झगड़ा हो गया तो हो गया. जब तक झगड़ा मिटता नहीं, तब तक दोस्ती नहीं हो सकती.

से बातचीत में उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और इसे अभी तक कम नहीं किया है.

उन्होंने कहा कि ट्रंप अब जुमलेबाजी कर रहे हैं, उसका कोई अर्थ नहीं. इसलिए, ऐसे पोस्ट पर कोई रिएक्शन नहीं देना चाहिए और न ही कोई टिप्पणी करनी चाहिए. ट्रंप के द्वारा किए गए social media पोस्ट उस वक्त सामने आए हैं, जब भारत पर अमेरिका की ओर से 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया. हालांकि, Government of India ने हाल ही में जीएसटी स्लैब में सुधार कर लोगों को दीपावली से पहले बड़ा तोहफा दिया.

जीएसटी स्लैब में सुधार के बाद ट्रंप का रुख भारत के प्रति नरम हुआ है. हाल के पोस्टों में उसने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें अपना बेस्ट फ्रेंड बताया है.

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ पर एक पोस्ट शेयर कर पीएम मोदी को ‘बहुत अच्छा दोस्त’ बताया. साथ ही उन्होंने ट्रेड वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा भी की.

दूसरी ओर, पीएम मोदी ने ट्रंप के पोस्ट को एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, “भारत और अमेरिका करीबी दोस्त और नेचुरल पार्टनर्स हैं. मुझे भरोसा है कि हमारी व्यापार वार्ताएं भारत-अमेरिका साझेदारी की असीमित संभावनाओं का रास्ता प्रशस्त करेंगी. हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं. मैं राष्ट्रपति ट्रंप से बात करने के लिए भी उत्सुक हूं. हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्जवल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे.”

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं. इससे पहले ट्रंप ने Tuesday को Prime Minister Narendra Modi को अपना ‘बहुत अच्छा दोस्त’ भी बताया और कहा कि वह ‘आने वाले हफ्तों में’ उनसे बात करने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी.

डीकेएम/जीकेटी