वक्फ ब‍िल पेश होने के एक दिन पहले प्रहलाद जोशी और जगदंबिका पाल ने संभाला मोर्चा, विपक्ष पर लगाया झूठ फैलाने का आरोप

नई दिल्ली, 1 अप्रैल . वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रियाओं के बीच केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, बीजेपी सांसद और वक्फ बिल पर लोकसभा में बनाई गई जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बिल का समर्थन किया. यह बिल दो अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जाएगा और इसके बाद इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी.

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है और विपक्ष का उद्देश्य सिर्फ विरोध करना है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक में सभी धर्मों और समुदायों के हितों का ध्यान रखा गया है और इसका मकसद किसी भी समुदाय की संपत्ति या धार्मिक स्थल को हड़पने का नहीं है. जोशी ने कहा, “यह बिल एक सुधार है, जिसे सभी वर्गों और धर्मों के लोगों के भले के लिए लाया गया है. हम किसी को टारगेट नहीं कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष और कांग्रेस का पारंपरिक रवैया है कि वे हर अच्छे कदम का विरोध करते हैं. यह मिस इन्फॉर्मेशन कैंपेन चलाने की कोशिश हो रही है.” उन्होंने यह भी कहा कि यह बिल किसी धर्म के अनुयायियों के खिलाफ नहीं है और यह समाज के सभी वर्गों के हित में है.

वहीं, वक्फ बिल पर लोकसभा में गठित की गई जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि यह बिल विशेष रूप से गरीब मुसलमानों, पसमांदा समुदाय, और महिलाओं के लिए लाया गया है. पाल ने कहा, “यह बिल सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए नहीं, बल्कि देश के सभी गरीब और कमजोर वर्गों के लिए है. हमने इसके बारे में पूरे देश के स्टेकहोल्डर्स, स्कूलों, बार एसोसिएशन और अन्य वरिष्ठ संस्थाओं से बातचीत की है.” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग इस बिल को लेकर सियासत कर रहे हैं और समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे पहले एनआरसी, तीन तलाक और अनुच्छेद 370 पर हुआ था.

उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के बारे में कहा कि मुस्लिम समुदाय ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान शांति बनाए रखी, बावजूद इसके कि कुछ लोगों ने झूठ फैलाने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा, “कुछ लोग यह कह रहे थे कि इस बिल के पास होने से मस्जिदों और ईदगाहों को नुकसान होगा. यह पूरी तरह से झूठ है, मैं चुनौती देता हूं कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.” पाल ने यह भी कहा कि यह बिल समाज में भ्रम और डर फैलाने का कोई कारण नहीं है, और वे इस पर पूरी तरह से विश्वास करते हैं कि यह गरीब मुसलमानों के हित में है.

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