योग की शक्ति: उत्तानपादासन से पेट की चर्बी घटाएं, तनाव को कम करने में भी कारगर

New Delhi, 1 नवंबर . आजकल की व्यस्त जिंदगी में लोग स्वस्थ भोजन और सेहत का ध्यान रखना भूल जाते हैं. नतीजतन लोगों को कम वजन या अनियंत्रित वजन की शिकायत का सामना करना पड़ता है. साथ ही, डिप्रेशन और एंग्जाइटी बढ़ने लगती है. ऐसे में योग करना प्रभावी उपाय हो सकता है. ‘उत्तानपादासन’ इन्हीं में से एक है.

आयुष मंत्रालय की सलाह है कि ‘उत्तानपादासन’ का रोजाना अभ्यास करने से पेट दर्द, अपच और दस्त जैसी शारीरिक समस्या कम खत्म होने लगती हैं. इसका नियमित अभ्यास उदर पीड़ा, अपच और अतिसार (दस्त) को दूर करने में सहायक है. यह उदर और पेल्विस की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है. साथ ही यह अवसाद और चिंताओं से उबारने में भी सहायक है.”

इसे करने के लिए फर्श में योगा मैट बिछा लें. फिर लेट जाएं और दोनों हाथ शरीर से सटाकर रखें. हथेलियां जमीन की ओर रखें और गहरी सांस लें और धीरे-धीरे पैरों को 30-45 डिग्री तक ऊपर उठाएं. 10-20 सेकंड तक होल्ड करें, फिर सांस छोड़ते हुए नीचे लाएं. शुरुआत में 3-5 राउंड करें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं. सुबह खाली पेट करें तो ज्यादा फायदा होगा.

यह आसन दिमाग को शांत करता है, नर्वस सिस्टम को बैलेंस करता है और स्ट्रेस लेवल भी कम करता है. यह ऑफिस की टेंशन या पढ़ाई के प्रेशर से जूझ रहे युवाओं के लिए मन को स्थिर रखने का बेहतरीन तरीका है.

‘उत्तानपादासन’ को करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिसका सीधा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है. भोजन पचने की प्रक्रिया में सुधार आता है और गैस या कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. जिन लोगों को रोज पेट साफ नहीं होता या जिन्हें खाने के बाद भारीपन लगता है, उनके लिए यह आसन बेहद फायदेमंद माना गया है.

नियमित अभ्यास से 15 दिनों में फर्क दिखना शुरू हो जाएगा, लेकिन इस बात का खास ख्याल रहे कि गर्भवती महिलाएं और हर्निया या सर्जरी वाले मरीज इस आसन को करने से बचें या डॉक्टर से सलाह लें.

एनएस/वीसी