New Delhi, 1 जुलाई . India और अमेरिका इस सप्ताह एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित भारतीय निर्यात पर टैरिफ वृद्धि से बचने में मदद कर सकता है.
India की ओर से विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक वार्ताकार टीम वॉशिंगटन में उच्च स्तरीय बातचीत में जुटी है, ताकि इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जा सके.
रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री एस. जयशंकर Tuesday या Wednesday को वॉशिंगटन में एक बैठक के दौरान अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से द्विपक्षीय चर्चा कर सकते हैं.
यह अंतरिम समझौता एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है. दोनों देशों के वार्ताकार 9 जुलाई की समय सीमा से पहले इसे अंतिम रूप देना चाहते हैं. यह वही समय सीमा है, जो President ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने से पहले 90 दिनों की मोहलत के तौर पर तय की थी.
हालांकि, व्यापक व्यापार समझौते पर वार्ता सितंबर-अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है.
अमेरिका अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए India में व्यापक बाजार पहुंच चाहता है, जबकि India के लिए यह मुद्दा छोटे किसानों की आजीविका से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह एक संवेदनशील क्षेत्र बना हुआ है.
India कुछ कृषि उत्पादों जैसे बादाम के आयात की अनुमति दे सकता है, जो पहले से ही देश में आ रहे हैं. इसके बदले में India समुद्री उत्पादों (झींगा, मछली), मसाले, कॉफी और रबर जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी बाजार तक बेहतर पहुंच की मांग कर सकता है, जहां भारतीय निर्यातक वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी हैं, लेकिन अमेरिकी टैरिफ की बाधा का सामना करते हैं.
India ने पहले ही अमेरिका से तेल और गैस की खरीद बढ़ा दी है ताकि व्यापार अधिशेष में संतुलन लाया जा सके. साथ ही, India ने अमेरिकी टैरिफ में छूट के बदले अपने आयात शुल्क में औसतन 13 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत तक कमी का प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव हाल ही में ब्रिटेन के साथ हुए एफटीए जैसा ही है.
India स्टील, एल्युमीनियम, ऑटो पार्ट्स और दवाइयों जैसे औद्योगिक उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच चाहता है. हाल ही में अमेरिका ने इन उत्पादों पर सुरक्षा शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था, जिससे भारतीय निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ा है. India ने इस मुद्दे को डब्ल्यूटीओ में उठाया है, लेकिन इसे द्विपक्षीय समझौते के जरिए सुलझाने की भी कोशिश जारी है.
साल 2024 में भारत-अमेरिका के बीच व्यापार 129 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें India का व्यापार अधिशेष 45.7 अरब डॉलर रहा. इस साल फरवरी में Prime Minister Narendra Modi और President ट्रंप ने ‘मिशन 500’ की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है.
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डीएससी/जीकेटी