जनसंख्या अभिशाप नहीं, एसेट, तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने में अहम कारक : सपा नेता एस टी हसन

मुरादाबाद, 11 जुलाई . मुरादाबाद के पूर्व सांसद और सपा के वरिष्ठ नेता डॉ. एस टी हसन ने जनसंख्या को लेकर बड़ा बयान दिया है.

उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि जनसंख्या एक अभिशाप है. जनसंख्या हमारे देश का एसेट भी है. आज हम जिस जगह पर खड़े हैं. दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी होने जा रहे हैं, इसमें बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन जनसंख्या का है. हमारे पास मैन पावर है. जनसंख्या से देश मजबूत होता है. ये हमारी ताकत है. यह अभिशाप नहीं एसेट है.

मैं मानता हूं कि अब इसमें सेचुरेशन प्वाइंट आ गया है. हमें अब सोचना चाहिए कि देश की जनसंख्या इससे ज्यादा बढ़े. हम जबरदस्ती नसबंदी नहीं कर सकते. इमरजेंसी में हमने सब यह झेला है. जनसंख्या बढ़ने की सबसे बड़ी बजह गरीबी और अशिक्षा है. जहां अशिक्षा और गरीबी होती है, वहीं ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए कि कोई भी बच्चा ग्रेजुएट से कम न हो. जो लोग पढ़ें लिखे है, वो लोग जनसंख्या नियंत्रण कर रहे हैं. अगर एक या दो बच्चों की पाबंदी लगा दी गई, तो अगले 30 साल में पूरा हिंदुस्तान बूढ़ा हो जाएगा. अगर हिंदुस्तान बूढ़ा हो गया, तो हम तरक्की नहीं कर पाएगें. इसे धर्म से जोड़ कर देखने की जरूरत नहीं है.

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया के पाकिस्तान नहीं जाने को लेकर डॉ. हसन ने कहा कि बीसीसीआई का निर्णय सही है. मैच में हमारी टीम हमेशा टाप पर रहेगी और देश का नाम रोशन करेगी. मेरा मानना है कि पाकिस्तान से हमारे रिश्ते अच्छे होने चाहिए, लेकिन आतंकवाद की शर्त पर नहीं.

पाकिस्तान वादा करे कि वो अपनी सरजमी का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं करेगा. तब हमारी टीम को वहां जाना चाहिए. पाकिस्तान कहता कुछ और है, करता कुछ और है. संबंध सुधारने के लिए हम एक कदम आगे बढ़ा रहे हैंं, तो उन्हें भी दो कदम आगे बढ़ाना चाहिए. आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकता. दोनों देशों की जनता एक दूसरे के साथ प्रेम-मुहब्बत चाहती है, लेकिन जो सियासत दोनों देशों में हो रही है, वो ये काम होने नहीं दे रही है.

एकेएस/