विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर की सीएम योगी से मुलाकात: पूजा पाल

लखनऊ, 17 अगस्‍त . समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल की उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ से मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है. समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने अब खुद इसकी वजह बताई है.

पूजा पाल ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में कई विकास कार्य केवल Chief Minister के माध्यम से ही हो सकते हैं और उन्हें लिखित रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं. उसके बाद ही काम आगे बढ़ता है. सीएम से मुलाकात उसी प्रक्रिया का एक हिस्सा था.

पाल ने विरोधियों की ओर से उनके दिवंगत पति राजू पाल को लेकर की जा रही छींटाकशी पर ऐतराज जताया. उन्‍होंने कहा, ” मैं कहना चाहूंगी कि आज विपक्ष जिस तरह से ऐसी टिप्पणी कर रहा है, मुझे लगता है कि राजू पाल के बारे में ऐसी बातें कभी नहीं कही जानी चाहिए. मैं कहना चाहती हूं कि वे दावा करते हैं कि वो अतीक अहमद के लिए काम करते थे, लेकिन अतीक अहमद के खिलाफ कम से कम 300-400 मामले थे, जबकि एक भी मामला ऐसा नहीं है जिसमें राजू पाल उनके साथ काम करते हुए दिखाई दें. राजू पाल शुरू से ही अतीक से नफरत करते थे और उससे लड़ने के लिए सोचते थे. विपक्ष जिस तरह की बात कर रहा है, मुझे लगता है कि इस तरह की बात राजू पाल के लिए कभी करनी नहीं चाहिए. राजू पाल की छवि को खराब करने का काम किया जा रहा है. वो इकलौते ऐसे शख्स थे जिन्होंने अतीक से लड़ने की हिम्‍मत दिखाई.”

पूजा पाल ने सपा अध्यक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, “जहां तक मुझे पता है, 2012 से 2017 के बीच तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार की ओर से साफ संकेत मिले थे कि वे माफियाओं को संरक्षण नहीं दे रहे हैं. हालांकि, कई साल से यह भी साफ दिख रहा था कि किसी न किसी तरह से कुछ माफियाओं को पनाह दी जा रही थी. उत्तर प्रदेश जहां अपराध मुक्त राज्य बनने की ओर बढ़ रहा था, वहीं ऐसा लग रहा था कि वे (अखिलेश यादव) इन माफियाओं को वैध करार दे रहे हैं.”

कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से विधायक पाल ने निजी जीवन और शादी को लेकर उड़ रही अफवाहों को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्‍होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. मुझ पर किसी तरह से राजनीतिक टिप्‍पणी का मौका नहीं मिल रहा है. सपा आरोप-प्रत्यारोप लगाने की कोशिश कर रही है. कोई भी महिला हो, उनके जीवन में कुछ घटनाएं हो जाती हैं. ऐसे में कुछ व्‍यक्तिगत मामले होते हैं जोकि बताए नहीं जा सकते. अगर मुद्दे को तोड़मरोड़ कर पेश किया जाएगा तो अपना पक्ष रखना अनिवार्य हो जाता है. मैंने अपने संघर्ष, निजी जीवन और मेरे खिलाफ होने वाले षड्यंत्रों को मीडिया के माध्‍यम से पेश नहीं किया है.

आरोप लगाने वालों को समझना चाहिए कि एक महिला होने के बावजूद जिस उम्र और जिन लोगों से लड़ती रही हूं, ऐसे में हत्‍याएं हो जाती हैं. मेरी भी हत्‍या का प्रयास किया गया, लेकिन अपने विवेक से खुद को सुरक्षित रखा.

एएसएच/केआर