बढ़ा प्रदूषण, गिरेगा तापमान: वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में, जल्द लागू हो सकता है ग्रेप का अगला चरण

नोएडा, 27 अक्टूबर . दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज बदलने लगा है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार आने वाले दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी.

मौसम विभाग की सात दिन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 27 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. यह संकेत है कि धीरे-धीरे सर्दी दस्तक देने लगी है.

मौसम में आई यह ठंडक जहां राहत लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर वायु प्रदूषण ने राजधानी और आसपास के इलाकों की सांसें फिर से रोक दी हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.

दिल्ली के कई इलाकों में हालात बेहद गंभीर हैं. आनंद विहार का एक्यूआई 431 तक पहुंच गया है, जबकि बवाना में यह 401 और चांदनी चौक में 371 दर्ज किया गया. वहीं, नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 371, सेक्टर-116 में 360 और सेक्टर-1 में 318 मापा गया. गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में यह 350 और इंदिरापुरम में 326 के पार चला गया. इसका मतलब है कि इन इलाकों की हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुकी है.

विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट और हवा की गति कम होने से प्रदूषक तत्व वातावरण में ठहर जाते हैं, जिससे एक्यूआई तेजी से बढ़ता है. इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में पराली जलाने की घटनाएं, निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल और वाहनों का धुआं मिलकर प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं. ऐसे हालात में अब ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अगले चरण को लागू करने की तैयारी की जा रही है.

पर्यावरण विभाग के सूत्रों के अनुसार, यदि हवा की गुणवत्ता इसी स्तर पर बनी रही तो अगले 48 घंटों में निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर पाबंदी और सड़कों की मैकेनिकल सफाई बढ़ाने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं.

इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह-शाम के समय बाहर जाने से बचने, मास्क पहनने और इनडोर एयर क्वालिटी बनाए रखने की सलाह दी है. मौसम विभाग ने भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट के साथ प्रदूषण का स्तर कुछ और बढ़ सकता है.

पीकेटी/एएस