दिल्ली के बाजारों को शिफ्ट करने के बयान पर राजनीति तेज, आप ने बताया भाजपा का षड्यंत्र

नई दिल्ली, 6 मई . दिल्ली के ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाले बाजारों को स्थानांतरित करने की घोषणा ने राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति में हलचल मचा दी है. आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह निर्णय दिल्ली के व्यापारियों के खिलाफ रची गई एक ‘सोची-समझी साजिश’ है.

आप नेता और दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2 मई को प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बड़े बाजारों को स्थानांतरित करने की बात कही. कार्यक्रम का आयोजन व्यापारी संगठन कैट ने किया था, जिसमें सदर बाजार, चांदनी चौक, दरियागंज, खारी बावली जैसे प्रमुख बाजारों के व्यापारियों को आमंत्रित किया गया था.

मुख्यमंत्री के बयान के बाद व्यापारियों में हड़कंप मच गया है. सौरभ भारद्वाज का कहना है कि भाजपा सरकार का यह कदम न केवल व्यापारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि दिल्ली की सांस्कृतिक धरोहरों को भी नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने दावा किया कि भाजपा का यह ‘षड्यंत्र’ नया नहीं है. उन्होंने बताया कि 2022 में भाजपा नेता कुलजीत चहल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ दिल्ली के व्यापारियों की एक बैठक कराई थी, जिसमें उन्हें हरियाणा में कारोबार स्थानांतरित करने के लिए कई प्रलोभन दिए गए थे. उसी के बाद सोनीपत में ‘भागीरथ पैलेस’ और ‘चांदनी चौक’ के नाम पर नए बाजारों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई.

भारद्वाज ने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब व्यापारियों की मांग पर चांदनी चौक जैसे बाजारों का नवीनीकरण किया गया था और अन्य बाजारों के लिए भी 100 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था.

उन्होंने कहा, “दिल्ली के ये बाजार सिर्फ व्यापारिक केंद्र नहीं, बल्कि हमारे बुजुर्गों की विरासत हैं.” आप नेता ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अपना बयान तत्काल वापस लेने की मांग की.

उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार को बाजारों की व्यवस्था सुधारने की दिशा में काम करना चाहिए, न कि उन्हें उजाड़ने की.” पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह दिल्ली के व्यापारियों के साथ खड़ी है और इस निर्णय का विरोध हर स्तर पर किया जाएगा.

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