दिल्ली में बाढ़ पर राजनीति, केजरीवाल राहत शिविरों में पहुंचे, राजधानी में पानी घुसने से जल मंत्री का इनकार

New Delhi, 5 सितंबर . दिल्ली में यमुना नदी और आसपास के इलाकों में जलभराव को लेकर राजनीति गरमाने लगी है. खासकर बाढ़ के समय यमुना किनारे बसे लोगों को राहत शिविरों में मिलने वाली सुविधाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

पूर्व Chief Minister और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए हैं कि रिलीफ कैंपों में रहने वाले लोगों के लिए ठीक इंतजाम नहीं हैं.

Friday को आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शास्त्री पार्क इलाके में राहत कैंपों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित लोगों का हालचाल जाना.

मीडिया से बातचीत करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं और तमाम इलाकों में पानी भर गया है. लोग अपने घरों को छोड़कर रिलीफ कैंप में रहने को मजबूर हैं. इन रिलीफ कैंपों में भी तमाम परेशानियां हैं, खाने और पानी तक का ठीक इंतजाम नहीं है. दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव हो गया है, क्योंकि बीजेपी सरकार ने डिस्लिटिंग नहीं कराई थी. दिल्लीवालों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.”

इस दौरान पूर्व Chief Minister ने उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश को लेकर केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग भी की.

उन्होंने कहा, “उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में भारी बारिश की वजह से तबाही हो रही है, केंद्र सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.”

इस बीच, दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने Friday को कश्मीरी गेट, निगम बोध घाट, मॉनेस्ट्री मार्केट और आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया.

उन्होंने इन इलाकों में जलजमाव को लेकर social media और कुछ रिपोर्ट्स में फैल रही ‘बाढ़ की खबरों’ को भ्रामक करार दिया.

प्रवेश वर्मा ने बताया कि जिस मॉनेस्ट्री मार्केट में पानी भरा हुआ है, वह यमुना की जल सीमा के भीतर बना हुआ क्षेत्र है, जो तकनीकी रूप से यमुना के दायरे में आता है.

उन्होंने कहा, “यह कहना कि यमुना दिल्ली में घुस गई है, एक गलत बयान है. असल में, जिन जगहों पर जलभराव है, वे यमुना के अंदरूनी हिस्सों में बसे हैं, और प्राकृतिक रूप से जलस्तर बढ़ने पर वहां पानी भरना सामान्य है.

जल मंत्री ने यह भी दावा किया कि ट्रैफिक सामान्य रूप से चल रहा है और कई जगहों पर जहां ड्रेनों के पास पानी भरा है, उसे जानबूझकर रोका गया है ताकि निचले इलाकों में पानी न पहुंचे.

डीसीएच/एबीएम