दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर सियासत तेज, ‘आप’ ने डेटा हेराफेरी का लगाया आरोप

New Delhi, 25 नवंबर . प्रदूषण से बेहाल दिल्ली में Political बयानबाजी तेज होती जा रही है. आम आदमी पार्टी ने राजधानी की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर Government पर निशाना साधा है. पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि Government प्रदूषण कम करने के बजाय एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के डेटा में हेराफेरी कर रही है और वास्तविक स्थिति छिपाने की कोशिश कर रही है.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के लोग साफ हवा के लिए आवाज उठा रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर Police द्वारा लाठीचार्ज किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि Government आलोचना दबाने की नीयत से प्रदूषण पर बात करने वालों को निशाना बना रही है.

उन्होंने कहा कि शहर में हालात इतने खराब हैं कि लोग social media और व्हाट्सऐप ग्रुप पर भी प्रदूषण पर चर्चा करने से डरने लगे हैं, क्योंकि उन्हें आशंका है कि Government उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के अनुसार इस वर्ष अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या अस्पतालों में तेजी से बढ़ी है. इसके बावजूद Government के पास प्रदूषण से निपटने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है.

‘आप’ ने सुझाव दिया कि दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र Government को उत्तर India के सभी राज्यों—दिल्ली, Haryana, पंजाब, Rajasthan , और उत्तर प्रदेश—को एक साथ बैठाकर समाधान तलाशना चाहिए. पार्टी ने कहा कि जब दिल्ली में थर्मल पावर प्लांट बंद किए जा सकते हैं, तो पड़ोसी राज्यों में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है?

‘आप’ के विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि पिछले नौ महीनों में प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर एक भी सार्थक कदम नहीं उठाया गया. उनका दावा है कि सड़कों की खराब स्थिति, धूल और निर्माण सामग्री के अनियंत्रित प्रसार ने वायु गुणवत्ता को और खराब कर दिया है, जबकि Government इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है.

कुलदीप कुमार ने कहा कि जब दिल्ली में ‘आप’ की Government थी, तब ओड-ईवन योजना, रेड लाइट ऑन—इंजन ऑफ कैम्पेन और क्लीन दिल्ली जैसे अभियानों के माध्यम से लगातार प्रयास किए जाते थे, लेकिन वर्तमान Government न सिर्फ इन पहलों को रोक चुकी है बल्कि अब यह दावा कर रही है कि दिल्ली में प्रदूषण है ही नहीं.

पीकेटी/डीकेपी