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रायपुर, 26 अक्टूबर . छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में Sunday को राजनीति एक बार फिर से गरमा गई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ओबीसी वर्ग के नेता सिविल लाइन थाने पहुंचे और पूर्व Chief Minister भूपेश बघेल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. नेताओं का आरोप है कि बघेल ने तेली समाज का अपमान किया है.
रायपुर ग्रामीण से भाजपा विधायक मोतीलाल साहू के नेतृत्व में ओबीसी वर्ग के कई नेता सिविल लाइन थाने पहुंचे. उन्होंने Police को सौंपे पत्र में लिखा कि भूपेश बघेल जातीय अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और तेली समाज के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है.
शिकायत में कहा गया है कि प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर बघेल अपने जातीय समर्थकों के साथ मिलकर प्रदेश में जाति आधारित भेदभाव और अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. पत्र में आरोप लगाया गया कि पूर्व सीएम बघेल पहले भी कांग्रेस के अंदर ‘साहू बनाम बघेल’ का मुद्दा बनाकर राजनीति कर चुके हैं और अब चुनाव में हार के बाद फिर से ऐसी रणनीति अपना रहे हैं.
पत्र में आगे लिखा गया है कि इस समय प्रदेश राज्योत्सव और रजत महोत्सव मना रहा है और Prime Minister Narendra Modi भी प्रदेश का दौरे करेंगे. ऐसे में यह पूरा विवाद Political रूप से प्रेरित बताया जा रहा है. भाजपा नेताओं का आरोप है कि चूंकि पीएम मोदी भी इसी समाज से आते हैं, इसलिए साहू समाज को अपमानित करने की साजिश रची गई है.
पत्र में लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश को सदैव ‘शांति का टापू’ कहा जाता है, परंतु हाल ही में पूर्व Chief Minister भूपेश बघेल द्वारा उनके समर्थकों के साथ मिलकर प्रदेश में जातीय आधार पर भेदभाव और अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है.
फेसबुक पेज ‘भूपेश है तो भरोसा है’ पर साझा किए गए वीडियो (लिंक संलग्न) में स्पष्ट रूप से तेली समाज के विरुद्ध अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के लोकप्रिय और ऐतिहासिक जनादेश से निर्वाचित पहले आदिवासी Chief Minister विष्णुदेव साय के प्रति भी अपमानजनक टिप्पणी की गई है. इस तरह की आपत्तिजनक अभिव्यक्ति से विभिन्न समाजों में गहरा आक्रोश व्याप्त है.
हम सब जानते हैं कि पूर्व में भी कांग्रेस पार्टी के अंदर अपने प्रतिद्वंदी ताम्रध्वज साहू के विरुद्ध Political प्रतिद्वंद्विता को बघेल ने ‘साहू बनाम बघेल’ का रूप देने की कोशिश की थी. अब पुनः वे उसी प्रकार का षड्यंत्र रचकर समाजों के बीच वैमनस्य फैलाने का प्रयास कर रहे हैं.
राज्योत्सव और स्थापना दिवस जैसे शांतिपूर्ण और गौरवपूर्ण अवसर पर इस प्रकार का व्यवहार न केवल कानूनी रूप से अनुचित है, बल्कि राज्य की सामाजिक एकता और सौहार्द के लिए भी गंभीर खतरा है.
अतः आपसे निवेदन है कि उक्त वीडियो और पेज की जांच कर, संबंधित व्यक्तियों पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए तथा इस प्रकार की गतिविधियों को तत्काल रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि प्रदेश में शांति और सद्भाव का वातावरण बना रहे.
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एएसएच/डीकेपी