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New Delhi, 18 जुलाई . भारतीय पिता और रूसी मां के बीच वैवाहिक विवाद के बाद बच्चे की कस्टडी से जुड़े मामले में Friday को Supreme court में सुनवाई हुई. इस मामले में महिला और बच्चा लापता हैं. Supreme court ने मां-बेटे को तुरंत ढूंढने की जरूरत बताई है. अब Police इस मामले पर Monday तक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी और 21 जुलाई को सुनवाई होगी.
एडवोकेट शुभाशीष भौमिक ने पत्रकारों को बताया कि जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच में एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि महिला ने कानूनी माध्यमों से देश नहीं छोड़ा है. लुकआउट सर्कुलर, ह्यू एंड क्राई नोटिस (वांछित व्यक्ति के बारे में सार्वजनिक घोषणा करना, जिसमें जनता से उस व्यक्ति को खोजने या पकड़ने में मदद करने के लिए कहा जाता है) जारी किए गए हैं.
एएसजी ने बताया कि रूसी दूतावास पूरी तरह से सहयोग कर रहा है. रूसी राजदूत ने यह भी बताया कि विक्टोरिया पांच जुलाई को दूतावास आई थी, जबकि विक्टोरिया की मां ने दूतावास में शिकायत की कि वह लापता है.
हालांकि विक्टोरिया के देश छोड़ने के कथित आरोप में दूतावास के शामिल होने की दलील पर जस्टिस कांत ने कहा कि निजी तौर पर एक-दो लोग शामिल हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा, “क्या किसी ने उसकी मदद की? इसकी जांच की जरूरत है? क्या उसने कोई नया पासपोर्ट तो नहीं बनाया?”
एसएसजी ने इसकी जांच करने की बात कही.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अभी तक कोई विश्वसनीय जानकारी एकत्र नहीं की गई है. यह भी पाया गया है कि नाबालिग बच्चा 7 जुलाई के बाद स्कूल नहीं गया था और विक्टोरिया के बैंक खाते में अंतिम लेन-देन 6 जुलाई को ही हुआ था.
कोर्ट ने कहा कि एएसजी के मुताबिक, ऐसा लगता है कि विक्टोरिया ने कानूनी तरीकों से India नहीं छोड़ा है. एमईए के साथ दिल्ली Police रूसी दूतावास के साथ बातचीत कर रही है. Police अधिकारी रेलवे और आवागमन के अन्य साधनों से जानकारी करने की कोशिश में हैं जिससे यह पता लगाया जा सके कि वह दिल्ली में है या कहीं और जा चुकी है.
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एससीएच/एएस