जम्मू, 6 सितंबर . भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने शुक्रवार को कई मुद्दों पर से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में लगातार हो रहे खुलासे, शिमला में मस्जिद को लेकर जारी सियासत और फारूक अब्दुल्ला के बयान ‘सड़कों पर सेना के बिना शांति होनी चाहिए’ पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की.
कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना में आए दिन हो रहे खुलासे को लेकर उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक घटना है. आरजी कर अस्पताल में जघन्य अपराध हुआ. पीड़िता के माता-पिता को अभी भी बहुत अन्याय का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि कोलकाता पुलिस पर उनको खरीदने और उन पर दबाव डालने के आरोप लग रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पीड़िता के माता-पिता न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है? पीड़िता जो हमारे बीच नहीं है, उसके परिवार को अभी भी न्याय के लिए रोना पड़ रहा है. ममता बनर्जी दुनिया के लिए कानून बनाने की बात करती हैं, लेकिन उनके अपने पुलिस बल पर आरोप लग रहे हैं.
शिमला में मस्जिद को लेकर जारी सियासत पर उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी के दोहरे मापदंड देखिए. जब उत्तर प्रदेश की बात आती है तो यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बन जाता है. लेकिन, जब शिमला की संजौली मस्जिद की बात आती है, तो यह एक मंजिल से पांच मंजिल हो जाती है. उनके अपने मंत्री अनुराग सिंह कहते हैं कि यह अवैध है और इसे हटाया जाना चाहिए. जब उनकी अपनी सरकार सत्ता में होती है, तो अवैध निर्माण वैध बन जाते हैं. ये किस तरह के दोहरे मापदंड हैं?”
डॉ. फारूक अब्दुल्ला के बयान को बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि उनके समय में क्या हुआ था. आम कश्मीरियों की जिंदगी उलट-पुलट हो गई थी, उनकी आजीविका नष्ट हो गई थी. अब भी वह इस तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं, सेना हटाने की बात कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इतने सालों के बाद आखिरकार जम्मू में शांति है. लोग अब शांति से लाल चौक पर घूम सकते हैं. अनुच्छेद-370 को हटाकर मोदी सरकार ने एक कठोर निर्णय लिया है, जो देश और जम्मू-कश्मीर के लिए जरूरी था.
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पीएसके/एबीएम