पटना, 2 अगस्त . बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में कानून-व्यवस्था का मुद्दा गरमाया हुआ है. विपक्ष इसको लेकर सरकार पर हमलावर है. वहीं, बिहार पुलिस ने अपराध नियंत्रण के लिए अपनी ओर से तैयारियां तेज कर दी हैं.
इस क्रम में पिछले पांच साल के अंदर हुई आपराधिक घटनाओं के इतिहास खंगाले जा रहे हैं तथा अपराधियों की कुंडली जुटाई जा रही है. पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों के अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि जेल में बंद कुख्यात अपराधी भी अपराध की साजिश रचते हैं, इसलिए उन पर नजर बनाए रखना जरूरी है. जेल से हाल ही में छूटे अपराधियों जैसे सुपारी किलर, लुटेरे, डकैत और गंभीर अपराधों में शामिल लोगों की एक लिस्ट तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है.
थाना स्तर पर इन अपराधियों की गतिविधियों की लगातार निगरानी करने को कहा गया है. बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. हत्या, लूट, डकैती, चुनाव में दंगा जैसे संगीन अपराध में शामिल बदमाशों को पुलिस रिमांड पर ले रही है.
गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित बताते हैं, “इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वर्ष 2021 से लेकर 2025 के बीच हुए कांडों में जिनमें पेशेवर अपराधियों की संलिप्तता रही है, उन सभी कांडों और संलिप्त अपराधियों की सूची बनाई गई है. जो अपराधी जेल से बाहर हैं, उन सभी के सत्यापन किए जा रहे हैं. जो अपराधी जेल में हैं, उनके विषय में भी सूचना संकलन किया जा रहा है, जिससे चुनाव में शांति बनाए रखी जा सके.”
उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधियों पर कड़ी नजर रख रही है. पुलिस अभी से ही विधानसभा चुनाव भयमुक्त संपन्न कराने के लिए रणनीति बना रही है. जानकारी के मुताबिक, पुलिस पदाधिकारियों को लंबित गिरफ्तारी के मामलों की थाना स्तर पर निष्पादन और मॉनिटरिंग का निर्देश मिला है. इसके अलावा कुर्की जब्ती और वारंटों को तामिल में भी तेजी लाने को कहा गया है. निर्वाचन एवं शस्त्र अधिनियम से संबंधित दर्ज कांडों का शीघ्र अनुसंधान पूरा करने को कहा गया है.
पुलिस मुख्यालय ने सोशल मीडिया यूनिट और साइबर सेल को भी इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. इसके लिए जिला स्तर पर भी विशेष टीम है, जो इंटरनेट मीडिया पर लगातार नजर रख रही है.
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एमएनपी/एएस