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New Delhi, 22 नवंबर . दिल्ली लाल किला विस्फोट मामले में केंद्रीय एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है. इस बीच आईआईटी Kanpur के दो कश्मीरी पीएचडी छात्रों के पिछले 15 दिनों से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की खबर मिली है. यूपी Police इस मामले की जांच में जुटी है.
वहीं, Police ने जब इस संबंध में संस्थान के अधिकारियों से पूछताछ की तो उन्होंने छात्रों के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी न होने की बात कही, लेकिन 10 नवंबर को लाल किला विस्फोट के बाद उनके अचानक लापता होने से गंभीर अटकलें लगाई जा रही हैं.
सूत्रों के अनुसार एटीएस, उत्तर प्रदेश Police, स्थानीय खुफिया इकाई और अन्य सुरक्षा एजेंसियां आईआईटी Kanpur पहुंच गई हैं और जांच में जुटी हैं.
एजेंसियां छात्रों के रिकॉर्ड की जांच कर रही हैं, उनकी गतिविधियों की जांच कर रही हैं, और उन परिस्थितियों का पता लगाने के लिए जानकारी जुटा रही हैं जिनके तहत दोनों छात्र लापता हुए.
एक छात्र 18 अक्टूबर से लापता है, जबकि दूसरा छात्र 10 नवंबर से लापता है.
दोनों छात्र 2019 में आईआईटी Kanpur से पीएचडी कर रहे हैं.
राज्य Government और Police मुख्यालय ने शहर में रहने वाले लगभग 150 कश्मीरी छात्रों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर Police की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट की जारी जांच में Saturday को एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया. इस विस्फोट में 13 लोग मारे गए थे और एक दर्जन घायल हुए थे.
एसआईए ने इस सिलसिले में श्रीनगर के बटमालू से तुफैल नियाज भट्ट को गिरफ्तार किया है.
इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में 10 नवंबर को हुए बम धमाके मामले में शामिल आतंकवादी के एक प्रमुख सहयोगी को गिरफ्तार किया था.
जम्मू-कश्मीर निवासी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को राजधानी श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था. एनआईए की जांच से पता चला है कि जसीर ने आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए तकनीकी सहायता दी थी. इस कार बम विस्फोट में 10 लोग मारे गए थे और 32 लोग घायल हुए थे.
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का निवासी आरोपी जसीर बिलाल इस हमले का सक्रिय सह-षड्यंत्रकारी था और उसने आतंकवादी उमर उन नबी के साथ मिलकर इस आतंकी नरसंहार की योजना बनाई थी.
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एमएस/डीकेपी