बिहार के गया में पितृपक्ष मेले में विभिन्न पिंडवेदियों के समीप बनेगा पुलिस शिविर

गया, 9 सितंबर . बिहार के गया में पितृपक्ष मेला को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. इस मेले को लेकर गया के जिला अधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने सोमवार को समीक्षा बैठक की.

इस वर्ष मेले में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने की संभावना है. जिलाधिकारी त्यागराजन ने सोमवार को बताया कि इस वर्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पितृपक्ष मेला का आयोजन किया जा रहा है. मेला में हर वर्ष तीर्थ यात्रियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस दृष्टिकोण से यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तैयारी को और बेहतर किया जाना है.

उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थलों पर स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा निशुल्क काउंटर लगाए जाते हैं. स्टॉल लगाने वाले लोगों को हर हाल में लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा, बिना लाइसेंस के कोई भी स्टॉल नहीं लगेगा. सड़क पर या संकीर्ण गलियों में किसी भी प्रकार का कोई स्टॉल या पंडाल नहीं लगाया जाएगा.

उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि विभिन्न वेदी स्थलों, सरोवरों के समीप एनसीसी और स्काउट एंड गाइड के स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा. विष्णुपद मंदिर प्रांगण एवं संकीर्ण गलियों में विशेष रूप से पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी.

गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि बोधगया की विभिन्न वेदी स्थल के समीप पुलिस शिविर का निर्माण करवाया जा रहा है. इसके अलावा सभी प्रमुख स्थान, वेदी स्थल, पार्किंग स्थलों, चेकिंग प्वाइंट, ड्रॉप गेट प्वाइंट पर सीसीटीवी लगाया जा रहा है. इससे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित रखा जा सके. इस वर्ष भी रिंग बस की सुविधा रहेगी. बाईपास से विष्णुपद आने के लिए ई-रिक्शा का प्रयोग किया जाएगा.

उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक यातायात को निर्देश दिया है कि नाबालिग ऑटो और ई-रिक्शा चलाते दिख रहे हैं, अभियान चलाकर उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई करें. गांधी मैदान में बनने वाली टेंट सिटी में भी निशुल्क ई रिक्शा की व्यवस्था रखी जाएगी, जो सीधे मंदिर तक तीर्थ यात्रियों को ले जाएंगे.

इस वर्ष 17 सितंबर से पितृपक्ष मेले का आगाज होगा. पितृपक्ष मेले के दौरान देश ही नहीं विदेश से लाखों तीर्थयात्री गया आकर पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. इसमें पितरों का पूजन किया जाता है.

मान्यता है कि पितृ प्रसन्न होने पर जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करते हैं और जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करते हैं. विश्व प्रसिद्ध इस मेले को 2015 में राजकीय मेले का दर्जा मिला था. अब इस मेले को अंतर्राष्ट्रीय मेला का दर्जे की मांग उठने लगी है.

एमएनपी/एबीएम