नैनीताल, 3 मई . उत्तराखंड में इन दिनों जंगल जलने से फैले धुएं की वजह से प्रदूषण में वृद्धि होने लगी है. उत्तराखंड के कुछ इलाकों में धुंध और धुएं से जीवन जीना बेहाल है. लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. साथ ही जंगल के धुएं से अब विजिबिलिटी भी कम होने लगी है.
सरोवर नगरी नैनीताल में शुक्रवार को स्मॉग ही स्मॉग नजर आ रहा है. वायु प्रदूषण ने नैनीताल में रहने वालों की टेंशन बढ़ा दी है. आसमान में धुंध छाई हुई है. विजिबिलिटी घट गई है. सूरज छिप गया है. इस जहरीले धुएं से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
जिला अस्पताल बीडी पांडे के वरिष्ठ चिकित्सक और हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर दुग्ताल ने बताया कि वायु प्रदूषण बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं बढ़ा सकता है. ब्रोंकाइटिस संक्रमणों की संख्या बढ़ सकती है.
उन्होंने कहा कि आज नैनीताल से हल्द्वानी तक हर जगह स्मॉग नजर आ रहा है, जो स्वास्थ्य के नजरिए से बिल्कुल भी ठीक नहीं है.
उन्होंने सलाह दी है कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोग अपनी दवाएं नियमित रूप से लें और जब तक बहुत जरूरी न हो, खुले में न जाएं, अगर जाना भी पड़े तो मास्क पहनकर ही बाहर निकलें. उन्होंने लोगों को अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी.
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स्मिता/एकेएस