ग्रेटर नोएडा, 22 मार्च . प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने शनिवार को ग्रेटर नोएडा में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का दौरा किया. उन्होंने यहां के प्लग एंड प्ले सिस्टम और ऑटोमेटेड वेस्ट प्लांट की व्यवस्था की सराहना की.
दौरे के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सभागार में एक प्रेजेंटेशन हुआ, जिसमें उन्होंने मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए. दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (आईआईटीजीएनएल) द्वारा 750 एकड़ में इस आधुनिक टाउनशिप का विकास किया जा रहा है.
शनिवार सुबह करीब 11 बजे उप सचिव मंगेश घिल्डियाल टाउनशिप पहुंचे, जहां ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ और आईआईटीजीएनएल की निदेशक श्रीलक्ष्मी वीएस ने उन्हें पूरी परियोजना की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने टाउनशिप में लागू किए गए प्लग एंड प्ले सिस्टम और ऑटोमेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को भी देखा. इस टाउनशिप में कूड़ा पूरी तरह ऑटोमेटेड तरीके से पाइप के जरिए प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाया जाता है और उसे कंपोस्ट में बदला जाता है. यहां 24 घंटे पानी और अबाधित बिजली आपूर्ति की व्यवस्था है.
टाउनशिप को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि यहां कोई भी उद्यमी सीधे प्लग एंड प्ले मॉडल के तहत अपना प्लांट लगाकर उत्पादन शुरू कर सकता है. यहां वर्क टू साइकिल, एलईडी लाइटिंग और 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. अब तक लगभग 20 कंपनियां इस टाउनशिप में निवेश कर चुकी हैं.
उप सचिव मंगेश घिल्डियाल ने नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ट्रस्ट (एनआईसीडीआईटी) के अधिकारियों को मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजनाओं के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए. इस दौरान इंडस्ट्री विभाग की प्रभारी प्रीति शर्मा ने प्रजेंटेशन दिया. बैठक में महाप्रबंधक नियोजन लीनू सहगल, डीजीएम वित अभिषेक जैन, ओएसडी रामनयन सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक राजेश गौतम समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे.
बोड़ाकी के पास 478 हेक्टेयर क्षेत्र में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजना विकसित की जा रही है. इसमें रेलवे, बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी को एकीकृत किया जाएगा. बोड़ाकी में बनने वाले रेलवे टर्मिनल से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें संचालित होंगी, जिससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर ट्रेनों का दबाव कम होगा. यहां अंतर्राज्यीय बस अड्डा भी विकसित किया जाएगा, और नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो का विस्तार भी मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक किया जाएगा. वहीं, लॉजिस्टिक हब उद्योगों के लिए माल ढुलाई को आसान बनाएगा.
इससे मुंबई, गुजरात और अन्य स्थानों तक माल ढुलाई का समय चार से पांच दिन से घटकर डेढ़ दिन हो जाएगा. इस हब में अत्याधुनिक वेयरहाउस भी बनाए जाएंगे. दोनों परियोजनाओं को अगले तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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पीकेटी/एएस