धौलपुर, 22 मई . फरवरी 2024 में शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ राजस्थान के धौलपुर में लोगों की जिंदगी बदल रही है. इस योजना से घरों के अलावा अस्पतालों जैसे संस्थानों के बिजली बिल में काफी कमी आई है.
धौलपुर के निवासी जो कभी 9-10 हजार रुपए प्रति माह तक के बिजली बिलों के बोझ तले दबे रहते थे, अब इस योजना के तहत छतों पर सौर पैनल लगाने के बाद अपने मासिक बिलों में 70 प्रतिशत तक की बचत की रिपोर्ट कर रहे हैं. लाभार्थियों में निखिल अग्रवाल भी शामिल हैं, जो स्थानीय अस्पताल चलाने वाले एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर हैं.
समाचार एजेंसी से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा, “पहले, एसी, पंखे और लाइट के अत्यधिक उपयोग के कारण हमारा बिजली बिल हर महीने लगभग 10 हजार रुपए आता था. लेकिन, पीएम सूर्य घर योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा पर स्विच करने के बाद, हमारा बिल घटकर मात्र 2,500 रुपए रह गया है. इस पहल ने न केवल हमारे खर्चों में बल्कि हमारे मन की शांति में भी बहुत बड़ा बदलाव किया है.”
उन्होंने कहा कि इस योजना के बिना, छोटे और मध्यम स्तर के संस्थानों के लिए इतनी अधिक बिजली लागत का प्रबंधन करना एक चुनौती होती. यह एक बेहतरीन और पर्यावरण के अनुकूल पहल है. प्रदूषण कम हो रहा है और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है. मैं इस विचारशील पहल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को दिल से धन्यवाद देता हूं.
पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना सिर्फ़ घरों की मदद नहीं कर रही है. यह अस्पतालों, क्लीनिकों और सार्वजनिक संस्थानों को राहत पहुंचा रही है, जो अक्सर उच्च बिजली खपत से जूझते हैं. पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता कम करके, यह योजना क्षेत्र में बार-बार होने वाली बिजली कटौती के प्रभाव को कम करने में भी मदद कर रही है. दुनिया की सबसे बड़ी घरेलू रूफटॉप सोलर पहल के रूप में प्रचारित इस योजना को आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 फरवरी, 2024 को लॉन्च किया था, जिसका लक्ष्य मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरों तक सौर ऊर्जा पहुंचाना है.
इस योजना में चरणबद्ध तरीके से रोलआउट शामिल है. मार्च 2025 तक 10 लाख इंस्टॉलेशन, अक्टूबर 2025 तक 20 लाख और मार्च 2026 तक 40 लाख इंस्टॉलेशन का लक्ष्य है. इस पहल का एक मुख्य आकर्षण इंस्टॉलेशन लागत पर 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी है, जो सौर ऊर्जा को और अधिक किफायती और सुलभ बनाती है. पीएम सूर्य घर योजना ने 10 मार्च, 2025 तक 10 लाख घरों को सौर ऊर्जा से संचालित करने के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है.
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पीएसके/जीकेटी