पीएम मुद्रा योजना से लोगों की आर्थिक स्थिति में आया सुधार, स्वरोजगार को मिला बढ़ावा: एक्सपर्ट

नई दिल्ली, 8 अप्रैल . केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम मुद्रा स्कीम के 10 वर्ष पूरे होने पर, एक्सपर्ट ने मंगलवार को कहा कि इस योजना से देश के लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में काफी मदद मिली है. साथ ही स्वरोजगार को भी बढ़ावा मिला है.

वॉइस ऑफ बैंकिंग के संस्थापक, अश्विनी राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 वर्ष पहले अप्रैल 2015 को यह योजना शुरू की गई थी. इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना था, जो लोग स्वयं का व्यवसाय खोलना चाहते हैं. इस योजना के तहत तीन कैटेगरी थीं, जिसमें शिशु में 50,000 रुपये, किशोर में 50,001 रुपये से 5 लाख रुपये तक और तरुण में 5 लाख से 10 लाख रुपये का लोन उपलब्ध कराया जाता है. सरकार ने पिछले साल नई कैटेगरी तरुण प्लस को लॉन्च किया था, जिसमें 20 लाख रुपये तक लोन उपलब्ध कराया जाता है.

उन्होंने आगे कहा, “इन 10 वर्षों में 33 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ मुद्रा लोन दिए गए हैं. इससे लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और स्वरोजगार को भी बढ़ाने में मदद मिली है.”

राणा ने बताया कि इस योजना में महिलाओं को वरीयता दी गई. सरकारी बैंकों के साथ निजी और एनबीएफसी ने पीएम मुद्रा योजना में बढ़-चढ़कर भाग लिया है.

पीएम मुद्रा योजना के तहत बांटे गए लोन में एनपीए की दर 3.5 प्रतिशत है.

इस पर राणा ने कहा कि सभी प्रकार के लोन में एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) की समस्या होती है, लेकिन मुद्रा लोन में सरकार गारंटर होती है. इस वजह से किसी लोन के एनपीए होने पर बैंक को हुए घाटे की भरपाई सरकार द्वारा की जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि पीएम मुद्रा योजना एक सफल योजना है और इसने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया है.

एबीएस/