‘पीएम मुद्रा योजना’ महिलाओं को आर्थिक विकास में योगदान देने में सक्षम बना रही : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली, 8 अप्रैल . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत कुल ऋण खातों में से लगभग 68 प्रतिशत महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि यह योजना सशक्तीकरण का एक साधन बन गई है और महिलाओं को राष्ट्रीय आर्थिक विकास में योगदान देने में सक्षम बनाती है. इसके साथ ही पीएमएमवाई महिला उद्यमियों की अगली पीढ़ी को प्रेरित भी करता है.

योजना के प्रभाव की सराहना करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2024-25 की घोषणा के अनुरूप, “पिछले साल 20 लाख रुपए की बढ़ी हुई लोन लिमिट के साथ तरुण-प्लस कैटेगरी की शुरुआत से संपन्न उद्यमियों को विस्तार और अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 अप्रैल, 2015 को शुरू की गई पीएमएमवाई, पूरे भारत में छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों को सशक्त बनाने के 10 शानदार वर्षों का जश्न मना रही है.

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, पीएमएमवाई गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि आय-उत्पादक गतिविधियों के लिए 10 लाख रुपए तक का आसान, कोलेटरल-फ्री लोन प्रदान करता है.

महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए समर्थन को मजबूत करने के लिए, वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2024-25 के दौरान लोन लिमिट को बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की घोषणा की.

नई घोषित लोन कैटेगरी, तरुण प्लस, विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिजाइन की गई है, जिन्होंने पहले तरुण कैटेगरी के तहत ऋण लिया है और सफलतापूर्वक चुकाया है, जिससे उन्हें 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए के बीच धन प्राप्त करने की अनुमति मिलती है.

इसके अलावा, माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट गारंटी फंड (सीजीएफएमयू) अब इन बढ़े हुए लोन के लिए गारंटी कवरेज प्रदान करेगा, जो देश में एक मजबूत उद्यमशीलता इकोसिस्टम को पोषित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा.

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “52 करोड़ से अधिक मुद्रा लोन अकाउंट के लिए 33.65 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है. यह योजना करोड़ों उद्यमियों, विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गों से जुड़े लोगों की आकांक्षाओं को पंख देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है.”

उन्होंने कहा, “2015 से, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी से जुड़े विभिन्न वंचित समुदायों को 11.58 लाख करोड़ रुपए के मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं, जो प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र को साकार करते हैं.”

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के अनुसार, पीएमएमवाई न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक है, जिसका उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना है.

उन्होंने कहा, “वित्तीय समावेशन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, क्योंकि यह समावेशी विकास को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पीएमएमवाई छोटे उद्यमियों को बैंकों, एनबीएफसी और एमएफआई से लोन सहायता प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है.”

एसकेटी/एबीएम