पीएम मोदी की चीन यात्रा जल्द, एससीओ शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

बीजिंग, 6 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi इस माह के अंत में चीन की यात्रा पर जाएंगे, जहां वे 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यह Prime Minister मोदी की 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद पहली चीन यात्रा होगी, जिसने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया था.

Prime Minister मोदी इससे पहले 2019 में चीन गए थे. उन्होंने 2024 में रूस के कजान शहर में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी President शी जिनपिंग से मुलाकात भी की थी.

गलवान घाटी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में यह पहली महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है. India और चीन के बीच लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर हुए समझौते के बाद यह ब्रेकथ्रू संभव हुआ है, जिसने चार साल से चले आ रहे सीमा गतिरोध को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाया है.

जुलाई में विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी तियानजिन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने चीन गए थे. इस दौरान उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय चर्चा की थी और अन्य एससीओ विदेश मंत्रियों के साथ President शी जिनपिंग से भी मुलाकात की थी.

इससे पहले जून में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने चीन गए थे. India ने आतंकवाद से जुड़े मुद्दों को अंतिम घोषणा पत्र में शामिल न किए जाने पर उसे समर्थन नहीं देने का फैसला किया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून से भी मुलाकात की थी और द्विपक्षीय मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा की थी.

इसके अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बीजिंग में एससीओ सदस्य देशों की सुरक्षा परिषद के सचिवों की 20वीं बैठक में भाग लिया था. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंड को समाप्त करने और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठनों और उनके नेटवर्क को समाप्त करने की जरूरत पर जोर दिया था.

गौरतलब है कि एससीओ एक स्थायी अंतर-Governmentी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में हुई थी. इसके सदस्य देशों में भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, Pakistan, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं.

डीएससी/