पीएम मोदी का फैसला समझ में आता है लेकिन…, अटारी बॉर्डर से लौट रहे पाकिस्तानियों ने क्या कहा?

नई दिल्ली, 27 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते अपने देश लौटने लगे हैं. पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी है और उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.

बॉर्डर पर वाहनों की लंबी कतार लग गई है, क्योंकि पाकिस्तानी सीमा पार करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से मंजूरी का इंतजार कर रहे थे.

कई लोगों ने अपनी यात्रा के अचानक समाप्त होने पर दुख व्यक्त किया. उनका कहना था कि सीमा पार पारिवारिक रिश्तों वाले निर्दोष लोग अक्सर राजनीतिक और सुरक्षा तनावों के बीच फंस जाते हैं.

जोधपुर से लौट रही एक पाकिस्तानी महिला ने बताया कि मैं यहां एक महीने के लिए आई थी. 15 साल पहले मेरी शादी पाकिस्तान में हुई थी. इस तरह से वापस लौटना अजीब लगता है.

एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक ने भावुक होते हुए कहा, “हां, हमने हमले के बारे में सुना है और निश्चित रूप से यह सब उसी की वजह से हो रहा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें जाना पड़ रहा है. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. दोनों सरकारों को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि हमारे जैसे निर्दोष लोग प्रभावित न हों.”

अपने बेटों से मिलने भारत आए एक व्यक्ति ने कहा कि मैं अपने बच्चों से मिलने आया था जो यहां रहते हैं. उन्होंने मुझे घटना के बारे में बताया. पहलगाम में जो कुछ हुआ वह बहुत गलत था.

दिल्ली में अपने ससुराल वालों से मिलने आए एक अन्य शख्स ने कहा, “मुझे 45 दिनों का वीजा मिला है. मेरी पत्नी भारतीय है और वह वहां नहीं जा सकती. हमें ऐसा समाधान चाहिए जिससे हमारे जैसे परिवार मिल सकें. पहलगाम में जो हुआ वह भयानक है, इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.”

एक महिला ने कहा, “मैं अपने पति और ननद के साथ 12-13 साल बाद अपनी बहनों से मिलने यहां आई थी. पहलगाम में जो हुआ वह बहुत गलत है और अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए. पीएम मोदी का फैसला समझ में आता है, लेकिन इतनी जल्दी चले जाना दुखद है.”

आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं. हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं. इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, जैसे कई कदम उठाए हैं.

भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने जैसे कुछ कदम उठाए हैं.

पीएसके/एमके