पीएम मोदी की 1993 की तस्वीर ‘भारतीयता’ पर देती है जोर, जो विदेश में राहुल गांधी के कार्यों से है अलग

नई दिल्ली, 13 सितंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1993 की एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हो रही है, जो उनके किसी सार्वजनिक पद पर आने से पहले ली गई थी. यह तस्वीर उनकी गहरी देशभक्ति और ‘भारतीयता’ के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

तस्वीर में, युवा नरेंद्र मोदी को एक विदेशी देश में एक मंच से लोगों को संबोधित करते हुए देखा जा सकता है.

इस तस्वीर में गहराई जोड़ने वाली बात यह है कि इसमें एक छोटी तस्वीर है, जिसे मंच पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है. इस तस्वीर में वासुदेव को गुप्त रूप से नवजात भगवान कृष्ण को एक टोकरी में यमुना नदी के पार ले जाते हुए दिखाया गया है.

इसके अलावा, भगवान कृष्ण के चित्र के साथ एक बड़ा ‘ओम’ प्रतीक दिखाई दे रहा है. हिंदू धर्म में पवित्र ध्वनि, शब्दांश, मंत्र और आह्वान के रूप में व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले ‘ओम’ प्रतीक ने दृश्य के महत्व को और समृद्ध किया है.

प्रधानमंत्री मोदी की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने का कारण यह है कि यह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हाल ही में विदेशी धरती पर उपस्थिति से बिल्कुल अलग है, जहां उन पर भारत की गरिमा को कम करने का आरोप लगाया गया है.

अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणियों की कड़ी आलोचना हो रही है. भाजपा ने उन पर वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को कम करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.

‘मोदी आर्काइव’, जो अभिलेखीय तस्वीरों, वीडियो, ऑडियो रिकॉर्डिंग, पत्रों, समाचार पत्रों की क्लिप और इसी तरह की सामग्रियों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवन यात्रा का वर्णन करता है, ने एक्स पर तस्वीर को इस टिप्पणी के साथ पोस्ट किया, “जबकि राहुल बाबा भारत और भारतीयता को बदनाम करने में व्यस्त हैं, यहां हमारे एनएम हैं – हमेशा भारत को अपनी आत्मा में रखते हैं और गर्व से भारतीयता का प्रदर्शन करते हैं. वे इसे अपने साथ रखते हैं (सचमुच! बस उनके बाईं ओर देखें). भारत की भावना और भारतीयता का गौरव उनके साथ, भारत और विदेश में. [फोटो: 1993]”

मोदी आर्काइव ने प्रधानमंत्री के भारतीयता में वास्तविक विश्वास और उसके प्रचार पर जोर देने के लिए यह तस्वीर शेयर की है.

पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और विदेश दोनों जगह लोगों में राष्ट्रीय गौरव की गहरी भावना पैदा की है. यह गौरव उन्हें अपने देश के लिए खड़े होने के लिए प्रेरित करता है, चाहे वे कहीं भी हों. नतीजतन, भारतीय प्रवासी अक्सर बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने और उनके विदेशी देशों के दौरे के दौरान उनके प्रति अपना प्यार और सम्मान दिखाने के लिए आते हैं.

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