New Delhi, 23 अगस्त . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में बोलते हुए कहा कि पहले की सरकारें चुनावों से आगे कभी नहीं सोचती थीं. उनका मानना था कि तकनीक विकसित करना उन्नत देशों का काम है और जरूरत पड़ने पर भारत उसे आसानी से आयात कर लेगा, लेकिन 2014 के बाद भारत ने अपना नजरिया बदल दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद भारत ने अपनी दृष्टिकोण बदली, इसलिए हमने अपना पूरा 5जी स्टैक देश में ही विकसित किया. अब हम तेजी से मेड-इन-इंडिया 6जी की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1979 से 2014 तक भारत में सिर्फ 42 मिशन पूरे हुए थे. आपको ये जानकर खुशी होगी कि पिछले 11 सालों में 60 से ज्यादा मिशन पूरे हो चुके हैं. आने वाले समय में कई सारे मिशन लाइनअप हैं.
उन्होंने कहा कि आज नेशनल स्पेस डे भी है, मैं आप सभी को इसकी शुभकामनाएं देता हूं. 2014 से पहले स्पेस मिशन भी सीमित होते थे और उनका दायरा भी सीमित था. आज 21वीं सदी में जब हर बड़ा देश अंतरिक्ष की संभावनाओं को तलाश रहा है, तो भारत कैसे पीछे रहता? इसलिए हमने स्पेस सेक्टर में सुधार भी किए और उसे प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष, भारत ने अंतरिक्ष डॉकिंग की क्षमता हासिल की, जो हमारे भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. अब, देश गगनयान मिशन के माध्यम से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है, जहां ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की विशेषज्ञता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए, इसे प्रतिबंधों से मुक्त करना आवश्यक था. पहली बार निजी भागीदारी के लिए स्पष्ट नियम बनाए गए.
उन्होंने कहा कि जो लक्ष्य हासिल कर लिया, उसी में संतुष्ट हो जाऊं, ये मेरे स्वभाव में नहीं है. रिफॉर्म को लेकर भी हमारी यही सोच है, हम आगे के लिए तैयारी करते रहते हैं, हमें और आगे बढ़ना है. इसके अलावा, इस वर्ष के बजट में अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए 1,000 करोड़ रुपए का वेंचर कैपिटल फंड आवंटित किया गया है. 2014 में, भारत में केवल एक अंतरिक्ष स्टार्टअप था. आज, यह संख्या बढ़कर 300 से ज्यादा हो गई है. वह दिन दूर नहीं जब भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसी कड़ी में जीएसटी में भी बहुत बड़ा सुधार किया जा रहा है. इस दिवाली तक ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इससे जीएसटी और आसान बनेगा एवं कीमतें भी कम होंगी. उन्होंने आगे कहा कि हम बेवजह के कानूनों को खत्म कर रहे हैं. नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बना रहे हैं. प्रक्रियाओं और स्वीकृतियों को डिजिटल कर रहे हैं. अनेक प्रावधानों को डिक्रिमिनलाइज्ड कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया के 100 देशों को इलेक्ट्रिक व्हीकल भी एक्सपोर्ट करने जा रहा है. 2 दिन के बाद 26 अगस्त को इससे जुड़ा एक बहुत बड़ा कार्यक्रम भी हो रहा है. पहले नीतियां आयात पर केंद्रित होती थीं, जो अक्सर निजी हितों से प्रेरित होती थीं. लेकिन आज तेजी से आत्मनिर्भर होता भारत निर्यात में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. पिछले वर्ष ही, हमने 4 लाख करोड़ रुपए मूल्य के कृषि उत्पादों का निर्यात किया. वैश्विक स्तर पर लगभग 800 करोड़ वैक्सीन खुराक का उत्पादन किया गया और उनमें से 400 करोड़ खुराकें भारत में ही निर्मित की गईं.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आप सभी जानते हैं कि देश की प्रगति का बहुत बड़ा आधार रिसर्च भी है. आयातित अनुसंधान से गुजारा तो हो सकता है, लेकिन जो हमारा संकल्प है, वह सिद्ध नहीं हो सकता. इसलिए, रिसर्च फील्ड में हमें अर्जेंसी चाहिए, वैसा माइंडसेट चाहिए. हमने रिसर्च को प्रोत्साहित करने के लिए हमने लगातार काम किया है.
पीएम ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक सदस्यता’ से आप परिचित हैं. इसने छात्रों के लिए विश्वस्तरीय शोध पत्रिकाएं तक पहुंच को आसान बना दिया है. हमने 50 हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाया है. 1 लाख करोड़ रुपये की रिसर्च डेवलपमेंट फंड स्कीम को भी मंजूरी दी है. आज की मांग यह है कि उद्योग और निजी क्षेत्र आगे आएं, खासकर स्वच्छ ऊर्जा, बैटरी भंडारण, उन्नत सामग्री, क्वांटम प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में, और अनुसंधान में अपने कार्य का विस्तार करें. सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर आधारित, आज भारत दुनिया को धीमी वृद्धि से बाहर निकालने में मदद करने की स्थिति में है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर चल रहा भारत आज उस स्थिति में है कि वह दुनिया को धीमी ग्रोथ से बाहर निकाल सकता है. हम ठहरे हुए पानी में किनारे बैठकर कंकड़ मारकर इंजॉय करने वाले लोग नहीं हैं, हम बहती तेज धारा को मोड़ने वाले लोग हैं. भारत समय को भी मोड़ देने का सामर्थ्य लेकर चल रहा है.
–
डीकेपी/