New Delhi/माले, 25 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi मालदीव की राजकीय यात्रा पर राजधानी माले पहुंच गए हैं. Prime Minister ने विश्वास जताया है कि आने वाले समय में भारत-मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे. मालदीव के President मोहम्मद मुइज्जू की ओर से भव्य स्वागत पर पीएम मोदी ने खुशी जताई.
Prime Minister Narendra Modi ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं माले पहुंच गया हूं. मुझे बहुत खुशी है कि President मुइज्जू मेरा स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर आए. मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में India और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे.”
इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने भी social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा, “Prime Minister Narendra Modi मालदीव के माले पहुंचे, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया गया. एक विशेष सम्मान के रूप में President मुइज्जू और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने एयरपोर्ट पर Prime Minister का स्वागत किया. Prime Minister की मालदीव की यह तीसरी यात्रा है. Prime Minister मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में ‘मुख्य अतिथि’ के रूप में भाग लेंगे.”
भारतीय Prime Minister की यह यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ और मालदीव तथा India के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है. President मुइज्जू के कार्यकाल के दौरान किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या Government के प्रमुख की यह पहली यात्रा भी है.
दोनों नेता अक्टूबर 2024 में मालदीव के President की India की राजकीय यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का भी जायजा लेंगे. पीएम मोदी और President मुइज्जू के बीच चर्चा में बुनियादी ढांचे के विकास, रक्षा सहयोग और आर्थिक संपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी मजबूत होगी.
India और मालदीव के बीच लंबे समय से जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध रहे हैं. India 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता को मान्यता देने और राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था. वर्षों से यह संबंध घनिष्ठ, सौहार्दपूर्ण और Political विवाद से मुक्त रहे हैं.
मालदीव में 1988 के तख्तापलट के प्रयास के दौरान India की त्वरित सैन्य सहायता ने स्थायी विश्वास का निर्माण किया. इसके बाद भारतीय सैनिकों की त्वरित वापसी ने मालदीव की संप्रभुता को सुनिश्चित करने में मदद की, जिससे India की एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में छवि मजबूत हुई.
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डीसीएच/