जल-थल व वायु सेना के कमांडर्स की संयुक्त कांफ्रेंस- पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

New Delhi, 8 सितंबर भारतीय सशस्त्र बलों की एक बेहद महत्वपूर्ण ‘संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस’ होने जा रही है. इस संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस में थलसेना, वायुसेना व नौसेना सेना के टॉप कमांडर्स मौजूद रहेंगे. यहां साझा रणनीति, संयुक्त ऑपरेशन समेत विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया जाएगा. Prime Minister Narendra Modi इस ‘संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस’ का उद्घाटन करेंगे.

गौरतलब है कि कमांडर्स कांफ्रेंस के दौरान सेना से जुड़े अहम विषयों पर रणनीति तय की जाती है. साथ ही कई महत्वपूर्ण विषयों पर बड़े निर्णय भी लिए जाते हैं. यह प्लेटफार्म भविष्य की रूपरेखा तय करने में भी विशेष योगदान देता है. Monday को इस विषय में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि Prime Minister Narendra Modi 15 सितंबर को कोलकाता में संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस 2025 का उद्घाटन करेंगे. कमांडर्स कांफ्रेंस की थीम ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म्स—ट्रांसफॉर्मिंग फॉर द फ्यूचर’ है.

दरअसल, इस थीम के अंतर्गत भारतीय सशस्त्र बल आगामी 15 से 17 सितंबर तक पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस 2025 का आयोजन करेंगे. यहां इस आयोजन के पहले दिन कांफ्रेंस का उद्घाटन Prime Minister करेंगे. इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और रक्षा सचिव उपस्थित रहेंगे.

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसके साथ ही अन्य मंत्रालयों के सचिवों, तीनों सेनाओं (थल, जल और वायु सेना) के वरिष्ठ अधिकारी तथा इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के अधिकारी भी इस उच्चस्तरीय सम्मेलन में शामिल होंगे. इस कांफ्रेंस का मुख्य एजेंडा, सुधार, रूपांतरण और परिचालन तैयारी से जुड़ा है. कांफ्रेंस में इन विषयों से संबंधित कार्यों पर फोकस रहेगा. मुख्य तौर पर सेनाओं में नए सुधार, रूपांतरण एवं परिवर्तन और परिचालन की तैयारियों पर मंथन किया जाएगा. इन विषयों के माध्यम से सशस्त्र बल अपनी संस्थागत सुधार, गहन एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेंगे.

साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बदलते वैश्विक एवं क्षेत्रीय सामरिक परिदृश्य में भारतीय सशस्त्र बल तेज, लचीले और निर्णायक बने रहें. यहां फील्ड लेवल अनुभवों की झलक भी देखने को मिलेगी. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस सम्मेलन में केवल शीर्ष नेतृत्व ही नहीं, बल्कि विभिन्न रैंकों के अधिकारियों और जवानों के साथ इंटरएक्टिव सेशंस भी होंगे. इसका उद्देश्य यह है कि जमीनी स्तर पर कार्यरत सैनिकों के अनुभव और दृष्टिकोण भी उच्च स्तर की चर्चाओं का हिस्सा बनें, जिससे रणनीतिक स्तर पर और अधिक सशक्त निर्णय लिए जा सकें. यह सर्वोच्च स्तर का मंथन एक मजबूत व प्रभावी मंच है.

संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन को सशस्त्र बलों का सर्वोच्च स्तर का विचार-विमर्श मंच माना जाता है. यह एक ऐसा अवसर है जहां देश का शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व एक साथ बैठकर राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा नीतियों और भविष्य की रणनीति पर व्यापक दृष्टिकोण साझा करता है. गौरतलब है कि इससे पहले तीनों सेनाएं अपने-अपने स्तर पर कमांडर्स कांफ्रेंस कर चुकी हैं जिनमें नौसेना, वायुसेना और थल सेना से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय और रणनीति तय की जाती है. हालांकि इस बार की कमांडर कांफ्रेंस संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही है जिसमें तीनों सेनाओं के अधिकारी शामिल रहेंगे.

जीसीबी/एएस