नई दिल्ली, 16 जून . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा के दौरे पर गए हैं. ‘ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट’ के अध्यक्ष एम.एस. बिट्टा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री देशहित में कनाडा गए हैं. वह बेखौफ होकर ऐसे देश में गए हैं, जहां से उन्हें मारने की धमकियां दी जाती रहीं हैं.
बिट्टा ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, “मुझे भारत के पूरे सिख समुदाय से शिकायत है. जब हमारे प्रधानमंत्री को विदेश में गाली दी जाती है तो पूरा समुदाय चुप क्यों रहता है?”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री दी योगी हैं और राष्ट्र को बचाने के लिए अपना धर्म भी निभा रहे हैं. जी-7 सम्मेलन में शामिल होना अलग बात है, पर उस गढ़ में जाना जहां पर उनकी जिंदगी के लिए चुनौतियां हैं, बड़ी बात है. पीएम किसी और मंत्री को इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए भेज सकते थे, लेकिन वह खुद इस सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगे. ऐसे में हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है.
उन्होंने कहा कि कनाडा की धरती से कई वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बार-बार जान से मारने की धमकियां मिलती रही हैं. प्रधानमंत्री कफन बांधकर अपने देश के लिए बगैर किसी खौफ से उस गढ़ में जा रहे हैं, जहां आईएसआई के एजेंट और खालिस्तानी हैं. यह सब पाकिस्तान से पैसों पर पलने वाले एजेंट हैं.
बिट्टा ने कहा कि कनाडा में तिरंगे का अपमान, हनुमान मंदिर और हिंदू धर्म के लोगों पर हमला किया जाता रहा है. ये लोग सिर्फ खौफ फैला रहे थे, वह अब समाप्त हो गया है. पीएम मोदी के कनाडा जाकर सम्मेलन में भाग लेने से पंजाब में खालिस्तान का नारा लगाने वाले और पाकिस्तान के एजेंटों की आंखें खुलेंगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खालिस्तानियों के गढ़ में चले गए हैं. अब खालिस्तानियों के सुधरने की बारी है.
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एएसएच/एकेजे