नई दिल्ली, 9 जुलाई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर हैं. उन्होंने मंगलवार को मॉस्को में मौजूद भारतीय समुदाय को संबोधित किया. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में शामिल हुए. इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “महामहिम और मेरे दोस्त, मैं इस भव्य स्वागत और सम्मान के लिए आपका हृदय से बहुत आभार व्यक्त करता हूं. भारत में चुनावों में हमें अभूतपूर्व जीत मिली. उसके बाद आपने जो शुभकामनाएं दीं, उसके लिए भी मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं. मार्च में आपने भी चुनाव में भव्य विजय जीत दर्ज की. चुनाव में जीत के लिए मैं एक बार फिर आपको शुभकामनाएं देता हूं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद को झेल रहा है. आतंकवाद कितना भयानक और घिनौना होता है, वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं. ऐसे में जब मास्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा, इसकी मैं कल्पना कर सकता हूं. मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की घोर निंदा करता हूं. पिछले ढाई दशकों से मेरा रूस के साथ-साथ आपके के साथ भी संबंध रहा है. हम करीब 10 साल में 17 बार मिल चुके हैं. पिछले 25 वर्षों में हमारी लगभग 22 द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं. यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है. मैं संकोच ये कह सकता हूं कि 25 साल की हमारी इस गहन यात्रा के सूत्रधार आप रहे हैं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये कार्यकाल हमारे संबंधों को और गहरा एवं घनिष्ठ बनाएगा. हम नई-नई उपलब्धियों को लेकर आगे बढ़ेंगे.”
उन्होंने कहा कि गत 5 वर्ष पूरे विश्व के लिए पूरी मानव जाति के लिए बहुत ही चिंताजनक रहे, चुनौतीपूर्ण रहे और अनेक संकटों से गुजरना पड़ा. पहले कोविड के कारण और बाद में संघर्ष और तनावों का कालखंड अलग-अलग भू-भाग में जिसने मानव जाति के लिए बहुत संकट पैदा किए. ऐसी स्थिति में जब दुनिया खाद्य-ईंधन-उर्वरक के संकट से जूझ रही थी, भारत-रूस मित्रता और सहयोग के कारण मैंने मेरे देश के किसानों को मुसीबत में नहीं आने दिया. फर्टिलाइजर में किसानों की आवश्यकताओं को हम पूरा करने में सफल रहे. हमारी मित्रता का इसमें बहुत बड़ा रोल है. हम किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम चाहेंगे कि आने वाले दिनों में भी किसानों के हित में रूस के साथ हमारा सहयोग और अधिक बढ़ता रहा.
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