New Delhi, 4 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Saturday को स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने ‘मोदी आर्काइव’ अकाउंट की एक पोस्ट को साझा करते हुए बताया, कैसे दो दशक पहले ‘मां भारती के सपूत’ श्यामजी वर्मा की अंतिम इच्छा को पूर्ण करने के लिए ‘अत्यंत संतोषजनक’ प्रयास किए गए. पीएम मोदी ने युवाओं से इस पोस्ट को अधिक से अधिक पढ़ने की अपील भी की है.
Gujarat के तत्कालीन Chief Minister रहते हुए पीएम मोदी ने करीब दो दशक पहले श्यामजी कृष्ण वर्मा की आखिरी इच्छा पूरी कर उन्हें सम्मान दिलाया था. पीएम मोदी ने ‘मोदी आर्काइव’ पोस्ट साझा करते हुए बताया कि यह थ्रेड दो दशक पहले किए गए एक अत्यंत संतोषजनक प्रयास पर प्रकाश डालता है, जिसने श्यामजी कृष्ण वर्मा की एक इच्छा को पूरा किया और मां भारती के एक साहसी सपूत को सम्मान प्रदान किया. साथ ही, उन्होंने कहा कि अधिक युवा उनकी महानता और बहादुरी के बारे में पढ़ सकें.
‘मोदी आर्काइव’ नाम के ‘एक्स’ हैंडल से 4 अक्टूबर 2024 को कुछ फोटोज शेयर की गई. फोटोज में Gujarat के तत्कालीन Chief Minister Narendra Modi भी हैं. पोस्ट में बताया गया कि ‘श्यामजी कृष्ण वर्मा का निधन 1930 में हुआ, इस उम्मीद के साथ कि उनकी अस्थियां एक दिन स्वतंत्र India में वापस आएंगी. हालांकि, India की आजादी के 56 साल बाद तक उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई.
उनकी इस इच्छा को पूरा करने का संकल्प Narendra Modi ने लिया. अगस्त 2003 में Gujarat के तत्कालीन Chief Minister Narendra Modi स्वतंत्रता सेनानी के अंतिम अनुरोध का सम्मान करते हुए उनकी अस्थियों को जिनेवा से India लेकर आए.
22 अगस्त 2003 को सीएम मोदी विले डी जिनेवे और स्विस Government से श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियां लेने के लिए जिनेवा के सेंट जॉर्ज कब्रिस्तान, स्विट्जरलैंड पहुंचे. जिससे इस देशभक्त की लंबे समय से अधूरी रही इच्छा पूरी हुई.
30 मार्च 1930 को श्यामजी कृष्ण वर्मा का निधन हो गया था और उनकी आखिरी इच्छा थी कि India को आजादी मिलने के बाद उनकी अस्थियां स्वदेश लाई जाए.
इसके बाद Narendra Modi ने एक भव्य ‘विरांजलि यात्रा’ का आयोजन किया, जो एक स्मारकीय यात्रा थी जिसमें श्यामजी की अस्थियों से भरा कलश Gujarat के 17 जिलों से होकर गुजरा, जिसमें दक्षिण Gujarat, मध्य Gujarat और सौराष्ट्र के क्षेत्र शामिल थे और फिर कच्छ के मांडवी में वर्मा परिवार को सौंप दिया गया. अस्थियों को एक विशेष रूप से सुसज्जित वाहन, ‘विरांजलि-वाहिका’ में ले जाया गया और इस यात्रा के दौरान हजारों युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए और इस वीर क्रांतिकारी की स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की.
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डीकेएम/एएस