New Delhi, 27 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें एपिसोड में स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के बलिदान को याद किया. उन्होंने 11 अगस्त 1908 को बिहार के मुजफ्फरपुर में हुई उस ऐतिहासिक घटना का जिक्र किया, जब 18 वर्षीय खुदीराम बोस ने देशभक्ति के लिए फांसी के फंदे को मुस्कान के साथ गले लगाया. पीएम ने कहा कि अगस्त का महीना क्रांति का महीना भी है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “आप कल्पना कीजिए, बिल्कुल भोर का वक्त, बिहार का मुजफ्फरपुर शहर, तारीख 11 अगस्त 1908. हर गली, हर चौराहा, हर हलचल उस समय जैसे थमी हुई थी. लोगों की आंखों में आंसू थे, लेकिन दिलों में ज्वाला थी. लोगों ने जेल को घेर रखा था, जहां एक 18 साल का युवक अंग्रेजों के खिलाफ अपना देश-प्रेम व्यक्त करने की कीमत चुका रहा था.”
उन्होंने आगे कहा, “जेल के अंदर, अंग्रेज अफसर एक युवा को फांसी देने की तैयारी कर रहे थे. उस युवा के चेहरे पर भय नहीं था, बल्कि गर्व से भरा हुआ था. वो गर्व, जो देश के लिए मर-मिटने वालों को होता है. वो वीर, वो साहसी युवा थे, खुदीराम बोस. सिर्फ 18 साल की उम्र में उन्होंने वो साहस दिखाया, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया.”
अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा, “तब अखबारों ने भी लिखा था, ‘खुदीराम बोस जब फांसी के फंदे की ओर बढ़े, तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी.’ ऐसे ही अनगिनत बलिदानों के बाद, सदियों की तपस्या के बाद, हमें आजादी मिली थी. देश के दीवानों ने अपने रक्त से आजादी के आंदोलन को सींचा था.”
Prime Minister Narendra Modi ने अगस्त को क्रांति का महीना बताते हुए कहा, “1 अगस्त को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी. 8 अगस्त को महात्मा गांधी के नेतृत्व में ‘India छोड़ो आंदोलन’ शुरू हुआ, जिसने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी. फिर 15 अगस्त, हमारा स्वतंत्रता दिवस, जब हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं.”
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वीकेयू/केआर