माले/New Delhi, 25 जुलाई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Friday को दो दिवसीय दौरे पर मालदीव पहुंचे, जहां माले के वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने उनका शानदार स्वागत किया. पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सबसे पहले सभी भारतवासियों की ओर से मैं राष्ट्रपति और मालदीव के लोगों को स्वतंत्रता के 60 वर्षों की ऐतिहासिक वर्षगांठ पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए मैं राष्ट्रपति का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. इस साल भारत और मालदीव अपने राजनयिक संबंधों की भी 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. हमारे संबंधों की जड़ें इतिहास से भी पुरानी हैं और समुद्र जितनी गहरी हैं. आज जारी किया गया डाक टिकट दर्शाता है कि हम केवल पड़ोसी नहीं हैं, सहयात्री भी हैं.”
उन्होंने कहा, “भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी है. मालदीव भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी और महासागर विजन दोनों में एक अहम स्थान रखता है. भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है. आपदा हो या महामारी, भारत हमेशा फर्स्ट रिस्पांडर बनकर साथ खड़ा रहा है. एसेंशियल कमोडिटी उपलब्ध कराने की बात हो या कोविड के बाद अर्थव्यवस्था को संभालना, भारत ने हमेशा साथ मिलकर काम किया है. हमारे लिए दोस्ती हमेशा पहले स्थान पर है.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान हमने व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी का विजन साझा किया था, अब यह हकीकत बन रहा है और उसी का परिणाम है कि हमारे संबंध नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. भारत के सहयोग से बनाए गए 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स अब मालदीव में कई परिवारों का नया आशियाना होंगे. ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, अड्डू सड़क विकास परियोजना और पुनर्विकसित किए जा रहे हनिमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से, यह पूरा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण ट्रांजिट और आर्थिक केंद्र बनकर उभरेगा. जल्द ही फेरिस सिस्टम की शुरुआत से अलग-अलग द्वीपों के बीच आवागमन और आसान होगा. हमारी विकास साझेदारी को नई उड़ान देने के लिए हमने मालदीव के लिए लगभग 5 हजार करोड़ की लाइन ऑफ क्रेडिट देने का निर्णय लिया है.”
उन्होंने कहा, “हमारी आर्थिक साझेदारी को गति देने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं. आपसी निवेश को गति देने के लिए हम शीघ्र ही द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे, ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ पर भी बातचीत शुरू हो गई है. हमारा लक्ष्य कागजी काम से समृद्धि तक है.”
पीएम मोदी ने कहा, “रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग आपसी विश्वास का परिचायक है. रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग जिसका आज उद्घाटन किया जा रहा है, इस विश्वास की मजबूत इमारत है और हमारी मजबूत साझेदारी का प्रतीक है. हमारी साझेदारी अब मौसम विज्ञान में भी होगी. मौसम चाहे जैसा हो, हमारी मित्रता सदैव उज्ज्वल और स्पष्ट रहेगी. हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है. मालदीव की रक्षा क्षमताओं के विकास में भारत निरंतर सहयोग देता रहेगा. हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है. कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में साथ मिलकर हम रीजनल मैरीटाइम सिक्योरिटी को मजबूत बनाएंगे. क्लाइमेट चेंज हमारे लिए बड़ी चुनौती है. हमने तय किया है कि रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देंगे. इस क्षेत्र में भारत अपना अनुभव मालदीव के साथ साझा करेगा.”
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एसके/एएस