New Delhi, 29 जुलाई . संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा चल रही है. सत्र के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाषण दिया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण को सामने रखा. Prime Minister Narendra Modi ने दोनों शीर्ष नेताओं के भाषण की तारीफ की.
पीएम मोदी ने संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हो रही विशेष चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण को उत्कृष्ट बताया. social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का उत्कृष्ट भाषण, जिसमें उन्होंने भारत के सुरक्षा तंत्र की सफलता और ऑपरेशन सिंदूर में हमारे सशस्त्र बलों के साहस पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत किया.”
पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण के बारे में बताने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर की भी सराहना की. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का भाषण उत्कृष्ट रहा. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद के खतरे से लड़ने में भारत का दृष्टिकोण दुनिया के सामने स्पष्ट रूप से आया है.”
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर की व्यापक सफलता के बारे में बताया. उन्होंने भारतीय सेनाओं की बहादुरी की तारीफ करते हुए आतंकवाद परस्त पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा.
राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारा इतिहास है कि हमने कभी भी किसी की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं किया. शेर अगर मेंढकों को मारे तो उसका बहुत अच्छा संदेश नहीं जाता. हमारी सेना शेर है. पाकिस्तान जैसा, जो अपने अस्तित्व के लिए दूसरों पर आश्रित हो, उससे मुकाबले का मतलब है अपना स्तर कम करना. हमारी नीति है, आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना. हमारा पाकिस्तान विरोध उनकी आतंकवाद की नीति के कारण है.”
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद सत्र के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को एक बार फिर स्पष्ट किया. उन्होंने यह भी साफ किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान Prime Minister Narendra Modi और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई.
जयशंकर ने कहा, “22 अप्रैल से 17 जून के बीच Prime Minister Narendra Modi और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई.”
विदेश मंत्री ने उन अटकलों पर भी विराम लगा दिया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अंतरराष्ट्रीय दबाव की कोई भूमिका थी.
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एससीएच/डीकेपी