ब्रिटेन दौरे पर पीएम मोदी: ऐतिहासिक संबंधों से लेकर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट तक, 1993 की नींव पर 2025 की साझेदारी

New Delhi, 24 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi ब्रिटेन दौरे पर हैं. दो दिवसीय यह यात्रा भारत-ब्रिटेन संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. खासकर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के जरिए द्विपक्षीय व्यापार को एक नई ऊंचाई देने की कोशिश है. यह पीएम मोदी की चौथी ब्रिटेन यात्रा है, जबकि कीर स्टार्मर के Prime Minister बनने के बाद पहला दौरा है.

लंदन पहुंचने पर पीएम मोदी का स्वागत किया गया, जहां खासतौर पर भारतीय नागरिक उनके बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. लंदन का माहौल इस दौरान पूरी तरह ‘मोदीमय’ हो गया था, जहां भारतीय मूल के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. खैर, इस यात्रा के बीच Prime Minister Narendra Modi और ब्रिटेन से उनके जुड़ाव की कुछ पुरानी तस्वीरें भी चर्चा में हैं. ‘मोदी आर्काइव’ ने 1993 के बाद की यात्राओं का ब्योरा साझा किया है, जब Narendra Modi Prime Minister नहीं, बल्कि एक कार्यकर्ता के तौर पर गए थे.

1993 में उनका पहला ब्रिटेन दौरा हुआ था, जब वे भाजपा के महासचिव और राष्ट्रीय राजनीति में एक उभरती हुई हस्ती थे. अपनी पहली अमेरिकी यात्रा से लौटते वक्त उनका अचानक ब्रिटेन जाना हुआ, जहां वह कुछ समय रुके. न कोई तय कार्यक्रम था, न कोई भव्य मंच. यह बस अमेरिका से लौटते समय एक सहज, अनौपचारिक पड़ाव था.

अपने पहले ब्रिटेन के पड़ाव में उन्होंने भारतीय प्रवासी समुदाय से जुड़ने का अवसर नहीं छोड़ा. उन्होंने ‘सनराइज रेडियो’ और एक Gujaratी अखबार जैसी सामुदायिक संस्थाओं का दौरा किया. उन्होंने क्रॉयडन और हेस्टिंग्स में कई परिवारों से मुलाकात की. यह अनौपचारिक बातचीत थी. लंदन अंडरग्राउंड में उन्होंने ब्रिटेन में रहने वाले आम भारतीयों के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया. अहम यह है कि वह जो बीज उस समय बोए गए, उन्होंने आने वाले दशकों तक India की प्रवासी कूटनीति को मजबूती दी.

भाजपा जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत कर रही थी तो Gujarat में Narendra Modi इस जिम्मेदारी को निभा रहे थे. उस समय 1985 और 1995 के बीच पार्टी का जमीनी नेटवर्क एक से बढ़कर 16 हजार से ज्यादा ग्राम इकाइयों तक पहुंचा था. इसका फायदा 1999 के Lok Sabha चुनाव में भाजपा को मिला. उस समय Narendra Modi भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे. Gujarat में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 26 में से 20 Lok Sabha सीटें जीतीं.

इस शानदार जीत के बाद 1999 में दूसरी बार ब्रिटेन दौरे पर गए थे. उनकी 5 दिवसीय ब्रिटेन यात्रा का केंद्र बिंदु नीसडेन के स्वामीनारायण स्कूल में आयोजित ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (यूके) का ऐतिहासिक कार्यक्रम था. उस कार्यक्रम में Narendra Modi ने घोषणा की थी, “भाजपा राष्ट्रवाद और देशभक्ति का प्रतीक है.”

उन्होंने India की लोकतांत्रिक परंपराओं और एनडीए के नीतिगत दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की. Narendra Modi ने भाजपा को सिर्फ एक Political पार्टी नहीं, बल्कि परंपरा, धर्म, संस्कृति और आधुनिकता से जुड़ा हुआ एक आंदोलन बताया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि India के लोकतांत्रिक मूल्यों की दुनिया भर में प्रशंसा की जाती है.

इस यात्रा के दौरान Narendra Modi का लोहाना महाजन समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया था, जहां उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भारतीय सभ्यता के ‘सच्चे राजदूत’ कहा.

सितंबर 2000 में भी Narendra Modi लंदन में एक छोटी यात्रा पर गए. कैरेबियन में विश्व हिंदू सम्मेलन और अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र शांति सम्मेलन की यात्रा पर जाते समय वो लंदन में ठहरे. ब्रिटेन की इस संक्षिप्त यात्रा में भी Narendra Modi ने एक अमिट छाप छोड़ी.

उन्होंने ब्रिटिश उप-Prime Minister जॉन प्रेस्कॉट से मुलाकात के दौरान एशिया में Political स्थिरता और भारतीय उपमहाद्वीप की स्थिति के बारे में चर्चा की. इस चर्चा में सबसे महत्वपूर्ण विषय ‘वैश्विक आतंकवाद’ था. वहां एक बयान में Narendra Modi ने कहा, “आतंकवाद मानवता के विरुद्ध एक बुराई है, चाहे वह India में हो, मध्य पूर्व में हो या उत्तरी आयरलैंड में.”

यह उल्लेखनीय है कि 9/11 के आतंकी हमलों से लगभग एक साल पहले ही Narendra Modi ने वैश्विक आतंकवाद को मानवता के लिए एक साझा खतरा बताया था, जब अधिकतर वैश्विक नेतृत्व इस चुनौती की गंभीरता को समझने में पीछे था.

यही नहीं, Narendra Modi उन लोगों को नहीं भूलते जो India के साथ खड़े होते हैं, 2003 में इसका उदाहरण देखने को मिला.

अगस्त 2003 में भूकंप ने भुज ही नहीं पूरे Gujarat को हिला दिया. उस समय Narendra Modi राज्य के Chief Minister थे. भुज भूकंप के बाद वे धन्यवाद देने के लिए ब्रिटेन दौरे पर गए. खचाखच भरे वेम्बली कॉन्फ्रेंस सेंटर में उनकी आवाज गूंज रही थी. Narendra Modi ने कहा था, “आप सभी Gujarat के सच्चे मित्र हैं और मैं दोस्ती का ऋण चुकाने आया हूं.”

उन्होंने हजारों प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया, जिन्होंने 2001 के भूकंप के दौरान Gujarat के लिए सहायता, समर्थन और संसाधन जुटाए थे. उन्होंने प्रवासी भारतीयों की न सिर्फ उनकी उदारता के लिए, बल्कि India के साथ उनके भावनात्मक जुड़ाव के लिए भी प्रशंसा की और उन्हें “Gujarat के सच्चे दोस्त” कहा.

इस यात्रा में Prime Minister अटल बिहारी वाजपेयी से भी मुलाकात हुई, जो उस समय लंदन में थे.

कुछ इसी तरह पीएम मोदी का ब्रिटेन के प्रति जुड़ाव 2011 में Gujarat की स्वर्ण जयंती पर देखने को मिला. हालांकि, वह स्वयं ब्रिटेन नहीं गए थे, बल्कि गांधीनगर से ही डिजिटल माध्यम (‘जूम’) के जरिए लंदन के मेफेयर में मौजूद श्रोताओं को संबोधित किया था. उत्साही श्रोताओं से मोदी ने कहा, “Gujarat और विकास एक-दूसरे के पर्याय हैं. Gujarat इतिहास रच रहा है.”

फ्रेंड्स ऑफ Gujarat, Gujarat समाचार और ‘एशियन वॉयस’ की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में ब्रिटिश सांसद, लॉर्ड्स और समुदाय के नेताओं समेत 90 विशिष्ट अतिथि शामिल थे. इनमें लॉर्ड गुलाम नून भी शामिल थे, जिन्होंने Narendra Modi के साथ सीधे तौर पर जीवंत संवाद किया.

उस समय Narendra Modi ने घोषणा की कि महात्मा मंदिर 18 हजार गांवों की मिट्टी से बनेगा और ब्रिटेन में रहने वाले गौरवशाली Gujaratी भी इसमें योगदान देंगे.

यह संदेश स्पष्ट था कि Narendra Modi के लिए प्रवासी भारतीय सिर्फ दर्शक नहीं हैं, बल्कि वे भारत-निर्माण के सक्रिय भागीदार हैं.

डीसीएच/