पीएम मोदी तीन देशों की यात्रा पर रवाना, कहा- ‘आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक समझ बढ़ाने का अवसर’

नई दिल्ली, 15 जून . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की तीन देशों की यात्रा पर जाने से पहले एक आधिकारिक बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए वैश्विक समझ को बढ़ाने का एक अवसर है.

नरेंद्र मोदी डॉट इन पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान जारी किया गया है. लिखा है, “आज मैं साइप्रस गणराज्य, कनाडा और क्रोएशिया की तीन देशों की यात्रा पर जा रहा हूं. 15-16 जून को मैं राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के निमंत्रण पर साइप्रस गणराज्य का दौरा करूंगा. साइप्रस भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण साझेदार है. यह यात्रा ऐतिहासिक बंधनों को मजबूत करने और व्यापार, निवेश, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में हमारे संबंधों का विस्तार करने और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करती है.”

जारी बयान में आगे कहा, “मैं साइप्रस से, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के कनानास्किस की यात्रा करूंगा. शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों और वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए मंच उपलब्ध होगा. मैं साझेदार देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं.”

“18 जून को मैं क्रोएशिया गणराज्य की अपनी यात्रा तथा राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लॅकोविच के साथ बैठकों की प्रतीक्षा कर रहा हूं. हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुराने घनिष्ठ सांस्कृतिक संबंध हैं. किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा के रूप में, यह पारस्परिक हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के लिए नए रास्ते खोलेगी.”

प्रधानमंत्री मोदी ने बयान में कहा कि तीन देशों की यह यात्रा, सीमापार आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में भारत को लगातार समर्थन देने के लिए साझेदार देशों को धन्यवाद देने और आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक समझ को प्रेरित करने का एक अवसर भी है.

प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले एक्स पर कहा , “मैं कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा, जो विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करेगा.”

प्रधानमंत्री ने कहा, “क्रोएशिया की मेरी यात्रा, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी, एक मूल्यवान साझेदार देश के साथ संबंधों को बढ़ावा देने का ऐतिहासिक अवसर है.”

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि प्रधानमंत्री 15 से 19 जून तक साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे.

सोमवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस की यात्रा करेंगे, जो दो दशक से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली साइप्रस यात्रा होगी.

साइप्रस में भारत के उच्चायुक्त मनीष ने कहा, “यह यात्रा कई कारणों से ऐतिहासिक यात्रा होने जा रही है. दो दशक से अधिक समय के बाद हमारे देश से कोई प्रधानमंत्री आ रहा है और यह प्रधानमंत्री (मोदी) की इस देश की पहली यात्रा होगी. मुझे लगता है कि व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन और निवेश में सबसे महत्वपूर्ण परिणाम सामने आएंगे. हम रक्षा और सुरक्षा सहयोग, व्यापार और लोगों के बीच संपर्क के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय चर्चाओं पर भी चर्चा करेंगे.”

विदेश मंत्रालय ने कहा, “साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 15 और 16 जून को साइप्रस की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे. यह दो दशक से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली साइप्रस यात्रा होगी.”

निकोसिया में प्रधानमंत्री मोदी क्रिस्टोडौलिडेस के साथ वार्ता करेंगे तथा लिमासोल में व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे.

साइप्रस ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की थी और संकेत दिया था कि वह यूरोपीय संघ स्तर की चर्चाओं में पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाएगा.

साइप्रस 2026 की पहली छमाही में यूरोपीय संघ की परिषद की अध्यक्षता संभालने वाला है.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने तथा भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोपीय संघ के साथ भारत के जुड़ाव को मजबूत करने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी.

प्रधानमंत्री मोदी 15-16 जून को साइप्रस की यात्रा करेंगे, उसके बाद 16-17 जून को कनानसकीस में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा जाएंगे तथा 18 जून को क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा के साथ पांच दिवसीय यात्रा का समापन करेंगे.

अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनानसकीस जाएंगे, जो उनका लगातार छठा दौरा है. 6 जून को प्रधानमंत्री मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी ने फोन करके शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के साथ बैठक करेंगे, जबकि उनकी अन्य द्विपक्षीय बैठकों पर अभी भी काम चल रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी इस साल फरवरी में अपनी मुलाकात के बाद पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मिलेंगे.

साइप्रस की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब पाकिस्तान को समर्थन देने के मुद्दे पर तुर्की के साथ भारत का तनाव चल रहा है.

उत्तरी क्षेत्र में तथाकथित तुर्की गणराज्य उत्तरी साइप्रस को अंकारा द्वारा मान्यता देना, जिस पर 1974 में तुर्की सेना ने कब्जा कर लिया था, तथा पूर्वी भूमध्य सागर में गैस अन्वेषण अधिकारों पर मतभेद तुर्की और साइप्रस के बीच तनाव का एक निरंतर स्रोत बने हुए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के जी-7 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के एक दिन बाद 16 जून को कनाडा पहुंचने की उम्मीद है.

यह जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की लगातार छठी भागीदारी होगी.

अपने दौरे के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी 18 जून को क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा करेंगे.

यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा होगी, जो द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी.

सरकार ने कहा, “क्रोएशिया की यात्रा यूरोपीय संघ के साझेदारों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी.”

एकेएस/केआर