New Delhi, 11 अक्टूबर . पीएम मोदी ने Saturday को रिमोट का बटन दबाकर 42 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कृषि परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
उन्होंने 24,000 करोड़ रुपए के परिव्यय वाली Prime Minister धन धान्य कृषि योजना का शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य 100 आकांक्षी जिलो में कृषि उत्पादन, सिंचाई, क्रेडिट, क्रॉप डावयर्सिफिकेशन और पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार है.
इसके अलावा, 11,440 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ ‘दलहन आत्मनिर्भता मिशन’ को लॉन्च किया गया. इसका उद्देश्य दलहन उत्पादकता के स्तर में सुधार, दलहन की खेती के रकबे का विस्तार, सप्लाई चेन को मजबूत करना और नुकसान को कम करना सुनिश्चित करना है.
उन्होंने Prime Minister कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 5,450 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन किया. साथ ही, लगभग 815 करोड़ रुपए की अतिरिक्त परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी गई.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज देश का मिजाज कुछ इस तरह बन गया है कि हम कुछ उपलब्धियों से ही संतुष्ट नहीं हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, “हमें विकसित बनने के लिए हर क्षेत्र में लगातार बेहतर करना होगा. सुधार करना ही होगा. इसी सोच का प्रमाण पीएम धन-धान्य कृषि योजना है. इस योजना की प्रेरणा आकांक्षी जिला योजना का सफलता बनी है.”
उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिले अब कई पैरामीटर्स में दूसरे जिलों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए 100 जिलों का चयन बहुत सोच-समझकर किया गया है. खेत से होने वाली पैदावार, एक खेत में कितनी बार खेती होती है, किसानों को लोन या निवेश की सुविधा कितनी मात्रा में है, तीन पैरामीटर के आधार पर जिलों का चयन किया गया है.
पीएम मोदी ने कहा, “इस योजना में हम 36 Governmentी योजनाओं को एक साथ जोड़ रहे हैं. इस योजना के तहत पशुधन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.”
उन्होंने कहा कि इस योजना को लेकर युवा अधिकारियों पर भी जिम्मेदारी होगी.
अपनी बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि युवा साथी किसानों के साथ मिलकर देश के 100 जिलों में खेती की तस्वीर बदल देंगे. जैसे ही किसी गांव में खेती की तस्वीर बदली, पूरे गांव की इकोनॉमी बदल जाएगी.”
‘दलहन आत्मनिर्भता मिशन’ को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह केवल दाल उत्पादन बढ़ाने का मिशन नहीं है, बल्कि हमारी भावी पीढ़ी को सशक्त बनाने का भी अभियान है. इस मिशन से देश के 2 करोड़ दाल किसानों को सीधा लाभ होगा.
उन्होंने कहा, “बीते 11 वर्षों में खेती का बजट करीब 6 गुना बढ़ गया है और इस बढ़े हुए बजट का सबसे अधिक फायदा हमारे छोटे किसानों को हुआ है.”
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एसकेटी/