पीएम मोदी ने युद्ध क्षेत्र में चिकित्सा देखभाल के लिए यूक्रेन को चार भीष्म क्यूब्स किये भेंट

कीव, 23 अगस्त . यूक्रेन को त्वरित आपातकालीन चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान सरकार को चार भीष्म (सहयोग हित और मैत्री के लिए भारत की स्वास्थ्य पहल) क्यूब्स भेंट किए.

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदीमिर ज़ेलेंस्की ने मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया.

यह क्यूब आपदा प्रबंधन के लिए एक अनूठा ‘मेड इन इंडिया’ मोबाइल अस्पताल है, जिसे हवाई मार्ग से लाया जा सकता है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, क्यूब को संचालित करने के लिए यूक्रेनी पक्ष को प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारत से विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की गई है.

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “भीष्म एक अनूठा प्रयास है जो तेजी से तैनाती योग्य तरीके से चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करेगा. इसमें क्यूब्स होते हैं, जिनमें चिकित्सा देखभाल के लिए दवाएं और उपकरण होते हैं. आज, राष्ट्रपति जेलेंस्की को भीष्म क्यूब्स भेंट किए.”

प्रत्येक भीष्म क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और चिकित्सा स्थितियों के साथ प्राथमिक देखभाल के लिए दवाइयां और उपकरण शामिल हैं.

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इसमें एक बुनियादी ऑपरेशन रूम के लिए सर्जिकल उपकरण भी शामिल हैं, जो प्रतिदिन 10-15 बुनियादी सर्जरी कर सकता है.

क्यूब में आपातकालीन स्थितियों जैसे आघात, रक्तस्राव, जलन और फ्रैक्चर आदि के लगभग 200 मामलों को संभालने की क्षमता है.

विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह सीमित मात्रा में अपनी बिजली और ऑक्सीजन भी उत्पन्न कर सकता है.”

यह उपहार यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.

पिछले सप्ताह, भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना ने ‘आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब’ की मदद से 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्वदेशी तकनीक से निर्मित दुनिया के पहले पोर्टेबल अस्पताल का पहली बार पैराड्रॉप किया, जो भीष्म पहल का हिस्सा है.

आरोग्य मैत्री के तहत सरकार ने भीष्म पहल की शुरुआत की. यह सभी जरूरी दवाओं और उपकरणों के साथ क्यूबिकल बॉक्स (15 इंच के) में सुव्यवस्थित तरीके से पैक होता है. यह युद्ध या प्राकृतिक आपदा में होने वाली विभिन्न प्रकार की चोटों और चिकित्सा समस्याओं के दौरान काम आता है. इन मिनी क्यूब्स को फिर एक ऐसे ढांचे पर रखा जाता है जो मजबूत होता है और विभिन्न माध्यमों से (वायु, समुद्र, भूमि और ड्रोन द्वारा) इनका परिवहन हो सकता है.

वास्तव में, मिनी क्यूब्स को एक व्यक्ति (अधिकतम 20 किलोग्राम वजन) आराम से उठा सकता है.

इनमें से 36 छोटे घन मिलकर एक मदर क्यूब बनाते हैं तथा ऐसे ही दो मदर क्यूब मिलकर एक भीष्म क्यूब बनाते हैं.

एक मदर क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों के लिए दवाइयां और उपकरण होते हैं, साथ ही पांच लोगों के दल के लिए 48 घंटों के लिए आश्रय और भोजन भी होता है.

दूसरे मदर क्यूब में शल्य चिकित्सा उपकरण होता है और एक बुनियादी ऑपरेटिंग रूम स्थापित किया जा सकता है, जिसमें प्रतिदिन 10-15 बुनियादी सर्जरी हो सकती है.

भीष्म ऐप और डिजिटल टैबलेट के माध्यम से जरूरी जानकारी मिल सकती है. इसमें डिजिटल इंस्ट्रक्शन का वीडियो भी शामिल है. टैबलेट वर्तमान में लगभग 180 भाषाओं को सपोर्ट करता है.

एकेएस/एकेजे