पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ में अवनि लेखरा को दिया आमंत्रण, स्टार शूटर ने कहा- अनुभव रहा शानदार

नई दिल्ली, 10 फरवरी . भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की स्टार पैरा शूटर अवनि लेखरा को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाली अवनि लेखरा ने इसको लेकर से खास बातचीत की.

पीएम मोदी ने परीक्षा के अवसर पर छात्रों को तनाव से दूर रखने के लिए ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम की पहल की है. एक खिलाड़ी और छात्र का माइंडसेट काफी हद तक एक जैसा होता है. जैसे खिलाड़ियों के लिए इवेंट तनावपूर्ण होते हैं, वैसे ही छात्रों के लिए परीक्षा की घड़ी नर्वस करने वाली होती है. पीएम मोदी किसी बड़े इवेंट से पहले खिलाड़ियों से भी मुलाकात करते हैं. उन्होंने अवनि लेखरा से ओलंपिक अभियान की शुरुआत करने से पहले कहा था कि उम्मीदों को बोझ नहीं बल्कि अपनी ताकत बनाएं.

कुछ ऐसी ही बातें पीएम मोदी ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान बोलते हैं. इस बार अवनि लेखरा को भी आमंत्रण मिला है. उन्होंने से बताया, “मुझे इस आमंत्रण को लेकर काफी अच्छा लग रहा है. काफी सारे बच्चों से मिलना, उनसे अपने अनुभव शेयर करना, ये सब चीजें देख मुझे अपने स्कूल के दिन याद आते हैं. जब हमारी परीक्षा होती थी तब काफी तनाव और चिंता रहती थी. इन सबको लेकर बात करना, इससे कैसे निपटा जाए, ये सब चीजें चर्चा का विषय हैं.”

अवनि ने बताया कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ जैसे पहल से काफी प्रेरणा मिलती है और छात्रों का माइंडसेट सही रहता है. परीक्षा में और उससे भी पहले छात्र तनाव में होते हैं जिस कारण वह ढंग से फोकस नहीं कर पाते, ठीक से याद भी नहीं कर पाते. परीक्षा पर चर्चा में टिप्स और ट्रिक्स पर भी बात होती है. इसलिए इस तरह की चर्चाओं से काफी प्रेरणा मिलती है.

अवनि पीएम मोदी से कई बार मिल चुकी हैं. अपने अनुभव पर उन्होंने कहा, “पीएम से मिलना हर बार एक शानदार अनुभव रहा. उन्होंने टोक्यो जाने से पहले और बाद में भी खिलाड़ियों से बातचीत की थी. सभी एथलीट को मोटिवेट किया था. फिर पेरिस ओलंपिक में भी यही हुआ. मेरे साथ उनकी मुलाकात खास थी क्योंकि मैं डिफेंडिंग चैंपियन थी. पीएम मोदी ने कहा था, ‘बहुत से लोगों को आपसे उम्मीदें होंगी. आप उन उम्मीदों को बोझ नहीं बनाएं, बल्कि अपनी ताकत बनाएं.’ और वही मेरे साथ रहा. इसी माइंडसेट के साथ मैं पेरिस गई थी और वहां दोबारा गोल्ड मेडल लेकर फिर से पीएम से बात की थी. बहुत सारे एथलीट पीएम को फॉलो करते हैं, उनकी बातों को ध्यान से सुनते हैं और मेडल जीतने के बाद उनके फोन का इंतजार करते हैं. ये सब बेस्ट मेमोरी बन जाती है. यह सब चीजें एथलीट के लिए बहुत मायने रखती हैं.”

खास बात है कि पीएम मोदी का यह अंदाज परंपरा से हटकर है. चाहे खिलाड़ियों से मिलना हो या छात्रों से. पीएम मोदी ने सभी क्षेत्रों के लोगों से मिलना और उन्हें प्रेरित करने की एक नई परंपरा शुरू की है. इस पर बात करते हुए अवनि ने कहा, “आम तौर पर ऐसा नहीं होता है कि आपका पीएम आपको ऐसे कॉल करके बधाई देता है. पीएम मोदी यह सब करते हैं. वह व्यक्तिगत तौर पर आपकी यात्रा के बारे में जानते हैं. जब भी आप उनसे मिलते हैं तो लगता है जैसे पहली बार यह मुलाकात हो रही है. पीएम मोदी को सबके बारे में जानकारी होती है. इसलिए सबके लिए यह एक मोटिवेशन होता है कि वह अपना बेस्ट दें और पीएम का कॉल आए, फिर उनसे मुलाकात का अवसर भी मिले.”

अवनि लेखरा ‘परीक्षा पे चर्चा’ में छात्रों को क्या मैसेज देना चाहेंगी. इस पर उन्होंने कहा, “मैं यही कहूंगी कि आप मेहनत करते रहें और अपने प्रोसेस पर ध्यान दें. एक खिलाड़ी भी इसी तरह से करता है. साथ ही रिजल्ट के बारे में न सोचें. जितनी मेहनत कर सकते हैं करें, आप एक दिन जरूर उपलब्धि हासिल कर लेंगे.”

जीवन में बढ़ते तनाव से निपटने के लिए भी अवनि ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, “बहुत बार लगता है, हमारे आसपास नेगेटिव माहौल महसूस होता है या कुछ एक्सीडेंट हो जाता है. कोई बड़ी चोट लग जाती है और ऐसा लगता है कि यह हमारे जीवन का अंत है. लेकिन हार नहीं माननी चाहिए और सबसे पहले स्थिति को स्वीकार करना आना चाहिए. यह नहीं सोचना चाहिए कि सब सही नहीं होगा. थोड़ी भी उम्मीद में कोशिश करेंगे तो आप एक दिन ऐसी जगह पहुंचेंगे कि आपको खुद पर गर्व महसूस होगा और लोग भी आप पर गर्व करेंगे.”

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