कांग्रेस के युवराज यूपी में चुनाव हारने के बाद इज्जत बचाने के लिए केरल भागे : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 17 अप्रैल . त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली को संबोधित किया. इस दौरान मंच पर त्रिपुरा पश्चिम सीट से भाजपा प्रत्याशी बिप्लब देव ने पीएम मोदी को माता दुर्गा का शस्त्र गदा भी दिया.

भगवान विष्णु ने मां दुर्गा को महिषासुर का वध करने के लिए गदा दिया था. जिसे शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है.

चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं, कांग्रेस के युवराज यूपी में चुनाव हारने के बाद अपनी इज्जत बचाने के लिए केरल भाग गए थे. इन दिनों केरल के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के युवराज के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. इससे नाराज होकर कांग्रेस के युवराज ने कहा है कि केरल के सीएम भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. उनको जेल में डालना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हमेशा केंद्रीय एजेंसियों को गाली देने वाले युवराज अब जांच एजेंसी से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं यानी किसी ने कांग्रेस के युवराज की आलोचना की तो वह चाहते हैं कि उसे जेल में बंद कर दिया जाए. भ्रष्टाचार का दोषी कोई भी व्यक्ति छोड़ा नहीं जाएगा. ये हमारा संकल्प है. मैं जब केरल की भ्रष्ट सरकार का सच लोगों के सामने लाता हूं, तब कांग्रेस की बोलती बंद हो जाती है. अब कांग्रेस के युवराज की आलोचना हुई तो कांग्रेस केरल के सीएम को जेल में डलवाना चाहती है.

उन्होंने कहा कि पहले राजनीतिक पार्टियां और सरकारों को नॉर्थ ईस्ट की याद तभी आती थी. जब उन्हें आपके वोट चाहिए होते थे. कांग्रेस और इंडी गठबंधन की सरकार में नॉर्थ ईस्ट के लिए एक ही पॉलिसी चलती थी, लूट ईस्ट पॉलिसी. लेकिन, 10 साल पहले मोदी ने कांग्रेस-कम्युनिस्ट वाले इंडी गठबंधन वालों की लूट ईस्ट पॉलिसी पर ताला लगाकर बंद कर दिया. अब देश लूट ईस्ट पॉलिसी को छोड़कर एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर काम कर रहा है.

उन्होंने कहा कि मैं पहला ऐसा प्रधानमंत्री हूं जो पिछले 10 साल में 50 से ज्यादा बार नॉर्थ ईस्ट आया हूं. कांग्रेस सरकार में कई मंत्रियों को ये भी नहीं पता होता था भारत के नक्शे में त्रिपुरा कहां पड़ता है. त्रिपुरा के लिए भाजपा का मतलब है विकास की राजनीति. लेकिन, यहां कम्युनिस्टों का इतिहास रहा है, विनाश की राजनीति और कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड ही ये है करप्शन की राजनीति. जब तक त्रिपुरा में सीपीएम और कांग्रेस पक्ष और विपक्ष में रहे, यह करप्शन फलता-फूलता रहा. कम्युनिस्टों ने त्रिपुरा को हिंसा और भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था. तब कांग्रेस विपक्ष में थी. लेकिन, आज एक-दूसरे को गाली देने वाले यह लोग अपनी लूट की दुकान बचाने के लिए यहां एक साथ आ गए हैं. कांग्रेस और कम्युनिस्ट इतने अवसरवादी हैं कि यहां त्रिपुरा में इनका गठबंधन है, लेकिन केरल में यह लोग एक-दूसरे के जानी दुश्मन हैं.

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